एक महीने के दौरान साइबर अपराध की दो घटनाओं में भारत की पहली वैश्विक आउटरीच संस्था इंटरनैशनल सोलर अलायंस (आईएसए) को 3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें संस्था के सोमालिया के वेंडर से आने वाला पैसा साइबर ठगों ने अपने खाते में डलवा लिया। आईएसए ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही घटना में संलिप्तता के शक में अपने एक कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
बीते सितंबर में हुई इस घटना के बारे में आईएसए ने केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी को जानकारी दे दी है। जोशी इस संस्था के अध्यक्ष भी हैं।
आईएसए के महानिदेशक अजय माथुर द्वारा केंद्रीय मंत्री को लिखे गए पत्र में कहा गया है, ‘साइबर अपराधियों ने हमारे अंतरराष्ट्रीय वेंडर की बैंक से संबंधित जानकारी को बदल दिया और भुगतान के लिए हमें चालान भेज दिया। यह भुगतान हमारे वेंडर को किया जाना था। भुगतान के तौर पर फर्जी खातों में रकम भेजने के लिए हैकर ने असली ईमेल आईडी की जगह फर्जी ईमेल आईडी से अनुरोध पत्र और चालान भेज दिया।’
संस्था ने कहा कि यह रकम सोमालिया के उस वेंडर को दी जानी थी जो सोमालिया में आईएसए की आउटरीच और बुनियादी ढांचा गतिविधियों में शामिल है। पत्र में कहा गया है, ‘हमने 357,783 डॉलर (3 करोड़ रुपये) का भुगतान किया था, लेकिन ईमेल के जरिए की गई ठगी के कारण इस पैसे को लेकर वेंडर या बैंक के साथ विवाद की संभावना बढ़ गई है।’
आईएसए द्वारा मंत्री को भेजे गए पत्र की कॉपी बिज़नेस स्टैंडर्ड के पास है। खबर लिखे जाने तक आईएसए को लिखे ईमेल और माथुर को भेजे गए मैसेज का जवाब नहीं मिला था। पिछले महीने इस संस्था के साथ दो बार साइबर ठगी की घटना हुई है। इससे पहली घटना आईएसए के जर्मन वेंडर के साथ घटी थी।
आईएसए ने अपने पत्र में बताया है कि पहली बार ठगी का पता उसे 19 सितंबर को चला जबकि दूसरी घटना उसी महीने की 23 तारीख को सामने आई जब उसके सोमालियाई वेंडर हेले बेराइज एनर्जी सोल्यूशंस ने सूचना दी कि उन्हें किए गए भुगतान का पैसा उन तक नहीं पहुंचा है।
पत्र में कहा गया है, ‘जांच में पता चला कि संस्था द्वारा किए गए भुगतान का पैसा फर्जी ईमेल के जरिए दिए गए बैंक अकाउंट में दुबई ट्रांसफर हो गया है।’ पत्र में यह भी बताया गया है कि इस दौरान जर्मनी के उनके वेंडर रेनाक एजी को किया गया भुगतान भी फर्जी ईमेल के जरिए दिए गए बैंक खाते में चला गया है।
आईएसए ने अपने पत्र में बताया है कि संस्था ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और इस घटना में संलिप्तता के शक में अपने एक कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। संस्था ने यह भी बताया कि ठगी की घटना के बाद उसने बचाव के उपाय अपनाए हैं और जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया है।
संस्था के शुरू होने के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जिस प्रकार तेल क्षेत्र में ओपेक है, उसी प्रकार आईएसए स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी वैश्विक संस्था बनेगी। आईएसए में मौजूदा समय में 120 हस्ताक्षरकर्ता देश और 101 इसके सदस्य देश हैं।