अदाणी समूह की कंपनियों में निवेश को लेकर कम से कम चार विदेशी फंड सुर्खियों में हैं। इलारा इंडिया ऑपरच्युनिटीज फंड, अल्बुला इन्वेस्टमेंट, एपीएमएस इन्वेस्टमेंट और क्रेस्टा फंड ने अदाणी समूह की फर्मों के अलावा कई और देसी सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश किया है। हालांकि अदाणी समूह के शेयरोंं में उनके निवेश की वैल्यू 94.7 फीसदी से लेकर 98 फीसदी के बीच है, जो निवेश के उनके फैसलों पर सवाल खड़े करता है। अल्बुला, एपीएमएस और क्रेस्टा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (कैटिगरी-1) के तौर पर सेबी के पास पंजीकृत हैं। इन तीनों फंडों का पंजीकृत पता मॉरीशस का है। अदाणी ने एक बयान में कहा है कि तीनों फंड अदाणी एंटप्राइजेज में एक दशक से निवेशक हैं और समूह की अन्य कंपनियों में उनका स्वामित्व कारोबार अलग करने के कारण बढ़ा है।
सार्वजनिक तौर पर कम शेयर: अदाणी पोट्र्स व अदाणी ग्रीन को छोड़कर अदाणी समूह की बाकी चार सूचीबद्ध कंपनियों में प्रवर्तक हिस्सेदारी करीब 75 फीसदी है, जो सेबी के नियम के मुताबिक अधिकतम सीमा है। 25 फीसदी न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता का बड़ा हिस्सा इलारा, अल्बुला, एपीएमएस और क्रेस्टा के पास है। ये फंड अपने निवेश में सक्रियता से फेरबदल के लिए जाने जाते हैं। बाजार के विशेषज्ञोंं ने कहा कि इसके परिणास्वरूप बाजार में उपलब्ध शेयर काफी कम हैं, जो इन शेयरों को सटोरिया गतिविधियोंं के प्रति संभावित तौर पर संवेदनशील बनाता है।
