ज़ी एंटरटेनमेंट में 18 फीसदी स्वामित्व रखने वाले इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड ने सोनी के साथ ज़ी के विलय का समर्थन किया है और ज़ी के एमडी व सीईओ पुनीत गोयनका को हटाने की खातिर शेयरधारकों की बैठक बुलाने के लिए कानूनी संघर्ष को आगे नहीं बढ़ाएगा।
आज एक बयान मेंं कंपनी ने कहा कि वह बंबई उच्च न्यायालय के फैसले से खुश है, जो भारत मेंं शेयरधारकों के अधिकार की फिर से पुष्टि के लिहाज से अहम है। यह फैसला भारत में कॉरपोरेट गवर्नेंस के लिए वरदान है और शेयरधारकों की डेमोक्रेसी के लिए जीत है।
इसमें कहा गया है, जब से हमने ईजीएम बुलाने व ज़ी के बोर्ड में छह स्वतंत्र निदेशक शामिल करने के इरादे का ऐलान किया है, ज़ी ने सोनी के साथ विलय का करार कर लिया। हमारा मानना है कि मौजूदा स्वरूप में इस सौदे में ज़ी के शेयरधारकों के लिए काफी क्षमता है। हम भी इस क्षमता को पहचान रहे हैं। विलय के बाद संयुक्त इकाई के निदेशक मंडल का पुनर्गठन होगा, जो बोर्ड को मजबूत करने के हमारे मकसद को पूरा करेगा। ऐसे घटनाक्रम को देखते हुए हमारी इच्छा इस लेनदेन का समर्थन करने की है और हमने 11 सितंबर, 2021 को ईजीएम बुलाने की अपनी मांग को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है।
इन्वेस्को प्रस्तावित विलय की प्रगति की निगरानी जारी रखेगी। अगर यह मौजूदा प्रस्ताव के मुताबिक पूरा नहीं होता है तो इन्वेस्को के पास नया ईजीएम बुलाने का अधिकार बना रहेगा।
ज़ी एंटरटेनमेंट के पास हालांकि बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने केलिए तीन हफ्ते का समय है।