बीमा नियामक आईआरडीएआई ने गुरुवार को बीमा कंपनियों को इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (इनविट्स) और रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (रीट्स) की ऋण प्रतिभूतियों में निवेश की इजाजत दे दी। इससे पहले बीमा कंपनियों को इनकी यूनिट्स में ही निवेश की इजाजत थी।
बीमा नियामक ने यह फैसला वित्त विधेयक पारित होने के बाद लिया है, जिसमें ट्रस्ट्स को ऋण प्रतिभूतियां जारी करने का प्रस्ताव था। नियामक ने कहा है, बीमा कंपनियां इनविट्स व रीट्स की ऋण प्रतिभूतियों में निवेश कर सकती हैं, लेकिन उसकी रेटिंग मंजूर निवेश की श्रेणी में एए से कम नहीं होनी चाहिए। अगर बीमा कंपनियां उन प्रतिभूतियों में निवेश करती है जिसकी रेटिंग या उसे डाउनग्रेड कर एए से नीचे की जाती है तो यह उसके अन्य निवेश का हिस्सा होगा।
साथ ही इनविट्स व रीट्स के यूनिट्स व ऋण प्रतिभूतियों में बीमा कंपनियों का निवेश उनके कुल फंड आकार से तीन फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता। कोई भी बीमा कंपनी अपनी बकाया ऋण प्रतिभूतियों का 10 फीसदी से ज्यादा किसी एक इनविट/रीट्स में नहीं कर सकती। साथ ही अगर इनविट्स या रीट्स का प्रायोजक बीमा कंपनी का भी प्रवर्तक है तो कंपनी ऐसी रीट्स या इनविट्स की ऋण प्रतिभूतियों में निवेश नहींं कर सकती।