पिछले साल अपने शॉर्ट वीडियो फॉर्मेट रील्स को लॉन्च करने के बाद इंस्टाग्राम इस प्लेटफॉर्म को विस्तार देने की तैयारी कर रही है। फेसबुक इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं उपाध्यक्ष अजित मोहन ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कंपनी क्षेत्रीय तौर पर विस्तार करना चाहती है और कई अन्य ब्रांड को इस प्लेटफॉर्म से जोडऩा चाहती है।
मोहन से जब पूछा गया कि क्या इंस्टाग्राम अंग्रेजी बोलने वाले शहरी उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक अनुकूल नहीं है तो उन्होंने कहा, ‘यह एक बड़ा मिथक है! यह एक साल पहले भी सच नहीं था और आज भी सच नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने उत्पाद एवं प्रोग्राम में हस्तक्षेप के जरिये अभिव्यक्ति एवं रचरात्मकता को लोकतांत्रिक बनाया है। फिलहाल हम एक ऐसे चरण में हैं जहां इंस्टाग्राम का उपयोग देश भर के लोगों द्वारा किया जा रहा है।’
इनमें से कुछ उत्पाद हस्तक्षेत्र म्युजिक स्टिकर की शुरुआत, स्पार्क एआर प्लेटफॉर्म हैं जो किसी को भी इंस्टाग्राम पर खुद के ऑग्मेंटेड रियल्टी (एआर) प्रभाव को तैयार करने और उसे प्रसारित करने में समर्थ बनाता है। शीष ब्रांडों के साथ फेसबुक की संगीत साझेदारी से संगीत को स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराने में मदद मिली है। मोहन ने कहा, ‘हमने इंस्टाग्राम लाइट को भी लॉन्च किया है। यह उन लोगों के लिए है जिनके पास कम मेमोरी वाले एंड्रॉयड है लेकिन वे दूसरों की तरह इंस्टाग्राम का उपयोग करते हैं। हमारे कार्यक्रम बॉर्न ऑन इंस्टाग्राम के लिए भी एक बड़ी भूमिका थी। इसे उस रचरात्मकता के मद्देनजर लॉन्च किया गया था जिसे हम देश भर में देखते हैं। इससे हमें छोटे शहरों की प्रतिभाओं को तलाशने में मदद मिली है।’
फेसबुक के स्वामित्व वाले इंस्टाग्राम ने पिछले जुलाई में भारत में रील्स को लॉन्च किया था। इससे कुछ ही समय पहले चीन के शॉट वीडियो ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। रील्स लोगों को 15 सकेंड के मल्टी-क्लिप वीडियो को ऑडियो, इफेक्ट एवं रचनात्मक टूल्स के साथ संपादित करने की सुविधा उपलब्ध कराती है। 1 अप्रैल को रील्स में एक रीमिक्स फीचर को लॉन्च किया गया जो उपयोगकर्ताओं को मौजूदा रील के साथ अपनी रील बनाने में समर्थ करता है। यह टिक टॉक जैसी सुविधा है और इसे उपयोगकर्ताओं से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
मोज, टका टक, रोपोसो आदि भारतीय शॉर्ट वीडियो ऐप ने टिक टॉक की भरपाई करने की कोशिश की है लेकिन इंस्टाग्राम को ब्रांड प्रमोशन के जरिये वैश्विक स्तर पर प्राथमिकता दी जाती है।
