पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में न केवल 26 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी बल्कि इस घटना ने जम्मू कश्मीर के फिर से उभरते पर्यटन क्षेत्र को भी करारा झटका दिया है। वैष्णोदेवी, अमरनाथ गुफा, रघुनाथ मंदिर, मानेसर झील, गुलमर्ग, डल झील जैसे मशहूर पर्यटन स्थलों के कारण इस केंद्र शासित प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए अपार संभावनाएं तैयार होती हैं।
आर्थिक गतिविधियों के दायरे में विस्तार होने के साथ ही इस केंद्र शासित प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का महत्त्वपूर्ण योगदान है। मिसाल के तौर पर सेवा क्षेत्र का जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था में 61.70 फीसदी योगदान (अग्रिम अनुमान) देने का अनुमान लगाया गया था जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 55.30 फीसदी था।
सेवाओं में पर्यटन, सेवा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला प्रमुख कारक है। यह राज्य अपनी राजस्व प्राप्तियों को बढ़ाने के लिए गैर-कर राजस्व (एनटीआर) पर जोर दे रहा है। इस राज्य ने वर्ष 2024-25 (दिसंबर तक) एनटीआर में पर्यटन क्षेत्र की हिस्सेदारी को 0.5 प्रतिशत तक बढ़ते हुए देखा है जबकि 2023-24 में इसमें 0.3 प्रतिशत और इससे पिछले दो वर्षों में हरेक साल 0.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
तीन महीने के आंकड़े अभी आने बाकी हैं लेकिन पर्यटन क्षेत्र से एनटीआर पहले ही 2023-24 के स्तर को पार कर चुका है और पिछले दो वर्षों के मुकाबले दोगुने से भी अधिक हो गया है। पर्यटन की क्षमता को पहचानते हुए इस केंद्र शासित प्रदेश ने 2020 में पर्यटन नीति तैयार की थी जिसका मकसद एक वर्ष में लगभग 50,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन करना था।
इस नीति के मुताबिक अगले पांच वर्षों के लिए हर वर्ष औसतन 2,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने की भी योजना थी। वर्ष 2024 में 2.36 करोड़ पर्यटकों ने इस केंद्र शासित प्रदेश का दौरा किया जो 2021 की संख्या से दोगुना है।