उद्योग

Trump Tariff के असर से घरेलू इंडस्ट्री को बचाने की कवायद तेज, MSME पर घटेगा कम्प्लायंस का बोझ

Trump Tariff: सूत्रों ने कहा कि कंपनी मंत्रालय मौजूदा कंपनी अधिनियम में भी संशोधन पर विचार कर सकता है, जिससे एमएसएमई के प्रमाणन की प्रक्रिया आसान बनाई जा सके।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- August 08, 2025 | 10:00 AM IST

Trump Tariff: अमेरिकी शुल्क के असर से घरेलू उद्योग को बचाने की व्यापक रणनीति के तहत कंपनी मामलों का मंत्रालय मझोले, छोटे और सूक्ष्म उद्यमों (MSME) के लिए अनुपालन बोझ कम करने की योजना बना रहा है। एक सरकारी सूत्र ने कहा, ‘हम इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं और एमएसएमई मंत्रालय से भी इसके बारे में राय ले रहे हैं।’

सूत्रों ने कहा कि कंपनी मंत्रालय मौजूदा कंपनी अधिनियम में भी संशोधन पर विचार कर सकता है, जिससे एमएसएमई के प्रमाणन की प्रक्रिया आसान बनाई जा सके और इस तरह की कंपनियों को कुछ अनुपालनों से मुक्त किया जा सके। कंपनी कानून के सिलसिले में 2022 में विशेषज्ञों की समिति ने कुछ कदमों की सिफारिश भी की थी, जिसमें बड़ी कंपनियों को ध्यान में रखकर बनाए गए जुर्माने व दंड के प्रावधान शामिल हैं।

अनिवार्य CSR से मिल सकती है राहत

फेडरेशन ऑफ इंडियन एमएसएमई (फिस्मे) के सुझावों में 1,000 करोड़ रुपये से कम का कारोबार करने वाली गैर सूचीबद्ध कंपनियों को अनिवार्य कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉसिबिलिटी (सीएसआर) बाध्यताओं से मुक्त करना भी शामिल है, जिससे उनके व्यापक ढांचे में लचीलापन मिल सकेगा और उनके अनुपालन लागत में कमी आएगी।

बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘एमएसएमई को सीधे मदद और प्रक्रियाओं के माध्यम से मदद, दोनों ही महत्त्वपूर्ण है। इसकी वजह यह है कि शुल्कों से वृहद अर्थव्यवस्था पर संभवत कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन एमएसएमई को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और उन्हें सरकार के समर्थन की जरूरत पड़ेगी।’

जो​खिम प्रोफाइलिंग पर हो सकता है फैसला

उद्योग के एक विशेषज्ञ ने नाम न छापे जाने की शर्त पर कहा, ‘वे जोखिम प्रोफाइलिंग कर सकते हैं और छोटी कंपनियों के लिए स्वचालित स्वीकृति सुनिश्चित कर सकते हैं। विभिन्न सरकारी विभाग अक्सर एक ही डेटा मांगते हैं और अगर मंत्रालयों के बीच सूचनाओं का बेहतर आदान-प्रदान हो, तो इससे एमएसएमई पर अनुपालन का बोझ भी कम होगा।’

First Published : August 8, 2025 | 9:45 AM IST