उद्योग

ग्रीन एनर्जी के साथ क्रिटिकल मिनरल्स की मांग में भी हो रही बढ़ोतरी

वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 के बीच अहम खनिजों के आयात में 34 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।

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नितिन कुमार   
Last Updated- December 15, 2023 | 9:52 PM IST

इस समय दुनिया स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों की ओर बढ़ रही है, ऐसे में अहम खनिजों (क्रिटिकल मिनरल्स) की मांग बढ़ रही है। इस मामले में आयात पर निर्भरता है। इलेक्ट्रिक वाहनों, पवन चक्कियों और सोलर पैनलों में काम आने वाले ज्यादातर खनिज का आयात चीन से होता है। चीन इन संसाधनों का वैश्विक उत्पादक और आपूर्तिकर्ता है।

29 नवंबर को भारत की भारी भरकम नीलामी प्रक्रिया शुरू करने के दौरान केंद्रीय खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि 20 ब्लॉकों का कुल मूल्य अनुमानित रूप से 5.4 अरब डॉलर (45,000 करोड़ रुपये) है।

उन्होंने कहा, ‘इस नीलामी का मूल्य करीब 45,000 करोड़ रुपये आंका गया है। हम अहम खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं।’

वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 के बीच अहम खनिजों के आयात में 34 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है, जिसमें ग्लूकोनाइट, निकल, प्लैटिनम ग्रुप एलीमेंट्स (पीजीई), पोटाश, ग्रेफाइट, मॉलिबिड्नम (अयस्क), फॉस्फोराइट (फॉस्फेट), लीथियम, टाइटेनियम और रेयर अर्थ एलीमेंट्स (आरईई) शामिल हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि सभी 10 खनिजों का आयात मूल्य 34 प्रतिशत बढ़कर 11 अरब डॉलर (91,000 करोड़ रुपये) हो गया है, जो वित्त वर्ष 2022 में 8.3 अरब डॉलर (68,000 करोड़ रुपये) था।

आंकड़ों के मुताबिक इन खनिजों का आयात मूल्य चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2024) की पहली छमाही में बढ़कर 4.9 अरब डॉलर (40,000 करोड़ रुपये) पर पहुंच गया है।

First Published : December 15, 2023 | 9:52 PM IST