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भारत की नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति फिलहाल JLR के लिए उपयुक्त नहीं: Tata Motors

भारत की नई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति के तहत देश में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने वाली कंपनियों को आयात शुल्क में रियायत दी जाती है।

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भाषा   
Last Updated- August 02, 2024 | 6:42 AM IST

टाटा मोटर्स ने गुरुवार को कहा कि उसकी ब्रिटिश इकाई जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) की भारत की नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति का लाभ उठाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है क्योंकि यह कंपनी के लिए उपयुक्त नहीं है।

भारत की नई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति के तहत देश में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने वाली कंपनियों को आयात शुल्क में रियायत दी जाती है। इस वर्ष मार्च में सरकार ने टेस्ला जैसी प्रमुख वैश्विक ईवी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए नई ईवी नीति की घोषणा की थी।

इसके तहत उन्हें सरकार द्वारा अनुमोदन पत्र जारी करने की तारीख से पांच वर्ष की अवधि के लिए 35,000 डॉलर और उससे अधिक कीमत वाले वाहनों पर 15 प्रतिशत के कम सीमा शुल्क/आयात शुल्क दर पर सीमित संख्या में कारों का आयात करने की अनुमति दी गई। टाटा मोटर्स के समूह मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) पी बी बालाजी ने तिमाही आंकड़ों की घोषणा करते हुए कहा, “इस समय वह विशिष्ट नीति हमारे लिए उपयुक्त नहीं है। इसलिए, हमारा फिलहाल इसका लाभ उठाने का इरादा नहीं है।”

वह एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या जेएलआर की देश में भविष्य में ईवी के बड़े पैमाने पर उत्पादन पर नजर रखते हुए भारत की नई ईवी नीति का लाभ उठाने की कोई योजना है।

बालाजी ने कहा कि वर्तमान में भारत में जेएलआर का कारोबार बहुत अच्छी स्थिति में है, तथा बहुत मजबूती से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “हमने अभी रेंज रोवर और रेंज रोवर स्पोर्ट के विनिर्माण का स्थानीयकरण किया है, और हम इस मोर्चे पर ऑर्डर में भारी वृद्धि देख रहे हैं। जैसे-जैसे मात्रा बढ़ती है, हम यथासंभव स्थानीयकरण जारी रखना चाहेंगे, और यदि नीतिगत माहौल का हम लाभ उठाने में सक्षम होते हैं, तो हम निश्चित रूप से इसपर विचार करेंगे।”

First Published : August 2, 2024 | 6:41 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)