बीएस बातचीत
कोविड के बढ़ते मामलों की वजह से कई शहरों में लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए बाजार विश्लेषकों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। वेलेंटिस एडवायजर्स के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक ज्योतिवद्र्घन जयपुरिया ने पुनीत वाधवा को दिए साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने अपने पोर्टफोलियो में नकदी की मात्रा बढ़ाकर 10 प्रतिशत से ज्यादा कर दी, जिससे उन्हें बाजार की गिरावट में निवेश के लिए मदद मिली है। मुख्य अंश:
क्या रिस्क-रिवार्ड अभी भी मौजूदा स्तरों पर शेयर खरीदने के लिए अनुकूल बना हुआ है?
वित्त वर्ष 2021 में तेज सुधार के बाद, वित्त वर्ष 2022 में प्रतिफल अपेक्षाकृत सुस्त रहेगा, लेकिन फिर भी यह निचले दो अंक में मजबूत बना रहेगा। बाजार समय और कीमत आधारित गिरावट दर्ज कर सकते हैं। इसी तरह की स्थिति वित्त वर्ष 2010 में देखी गई थी, जब वे मार्च 2009 के निचले स्तरों से करीब दोगुने हो गए थे और फिर भी वित्त वर्ष 2011 के लिए दो अंक का प्रतिफल दिया। हालांकि यह 2010 की पहली छमाही में 4-6 महीने के समेकन की स्थिति के बाद देखा गया था।
विदेशी निवेश प्रवाह के बारे में आपका क्या नजरिया है?
दो कारक हैं जिनसे वित्त वर्ष 2021 में भारत में विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) प्रवाह बढ़ाने में मदद मिली। पहला था डॉलर की कमजोरी, जिससे विकसित बाजारों (डीएम) से पूंजी उभरते बाजारों (ईएम) की ओर आकर्षित हुई। दूसरा कारण था, फ्री फ्लोट मानकों में बदलाव की वजह से भारत के एमएससीआई भारांक में वृद्घि। मध्यावधि में डॉलर की कमजोरी बरकरार रह सकती है और ईएम का प्रदर्शन डीएम के मुकाबले बेहतर रहेगा। लेकिन अल्पावधि में, हम डॉलर में तेजी की वजह से एफआईआई प्रवाह में कमजोरी देख रहे हैं। डॉलर में तेजी के कारण ईएम से पूंजी निकासी को बढ़ावा मिल रहा है। साथ ही विकसित देशों में तेज टीकाकरण से वहां वायरस को लेकर आशंका घट रही है।
क्या आप मानते हैं के बाजार का प्रदर्शन भविष्य में अस्थिर रहेगा?
हम अर्थव्यवस्था में सुधार के शुरुआती चरण में हैं और अगले पांच साल में आय दोगुनी हो जाने की उम्मीद कर रहे हैं। इस अवधि में, लॉकडाउन का प्रभाव भी दिखेगा। हालांकि बाजार पिछले साल के मुकाबले इस साल बढ़ते कोविड मामलों को लेकर कम चिंतित दिख रहा है। इसकी दो वजह हैं। पहली, हमारें पास 2020 के मुकाबले अब इस वायरस के बारे में अच्छी जानकारी है। दूसरी, टीकाकरण की रफ्तार तेज बनी रहेगी जिससे स्थिति काफी हद तक स्पष्ट होगी। जहां हमारा संपूर्ण क्षेत्र की रणनीति उन क्षेत्रों के अनुकूल है जिन्हें अर्थव्यवस्था में सुधार का लाभ मिलने की संभावना है, वहीं हमने रक्षात्मक रणनीति को बढ़ते कोविड मामलों के खिलाफ सुरक्षा के तौर पर अपनाया है।
चक्रीयता और रक्षात्मक के बीच आपके द्वारा सुझाया गया उपयुक्त पोर्टफोलियो मिश्रण क्या है?
मध्यावधि के दौरान, हम घरेलू चक्रीयता को लेकर ज्यादा सकारात्मक बने रहेंगे क्योंकि इसे भरत में आर्थिक और आय सुधार का लाभ मिलेगा। इनमें वित्त, सीमेंट, और कुछ पूंजीगत वस्तु क्षेत्र शामिल हैं।
क्या आप अपनी निवेश रणनीति के बारे में विस्तार से बता सकते हैं?
पिछले 6 महीनों के दौरान, हमने आर्थिक सुधार पर दांव लगाने के लिए सीमेंट, वित्त, वाहन एंसिलियरी जैसे क्षेत्रों और कुछ खास चक्रीयता केंद्रित पूंजीगत वस्तु जैसे क्षेत्रों पर ध्यान दिया है। हालांकि बाजार में भारी तेजी के बाद, हमने अपने पोर्टफोलियो में दो मुख्य बदलाव किए थे। पहला, हमने पोर्टफोलियो में नकदी का स्तर बढ़ाकर 10 प्रतिशत से ज्यादा किया जिससे कि हमारे पास गिरावट के समय निवेश के लिए कुछ पूंजी बनी रहे। दूसरा, हमने वित्त के लिए भारांक में कटौती कर फार्मा जैसे क्षेत्रों पर जोर दिया। हम गिरावट का इस्तेमाल फिर से कॉरपोरेट बैंकों और सीमेंट जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर दांव पर करेंगे।
क्या नई सख्ती को देखते हुए वित्त वर्ष 2022 की आय को लेकर निराशा पैदा हो सकती है?
मार्च 2021 तिमाही का परिणाम मजबूत रहेगा और संभवत: यह विश्लेषकों के अनुमानों के अनुरूप रहेगा। भविष्य में पिछले साल के सुस्त आधार को देखते हुए सालाना आय तुलना निराधार होगी। न सिर्फ लॉकडाउन बल्कि लागत वृद्घि की वजह से भी जून तिमाही ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
जिंसों, खासकर रसायन और खपत आधारित दांव के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?
जिंस क्षेत्र में, हमने इस्पात शेयरों में भारी तेजी दर्ज की है। हालांकि हम भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च को लेकर उत्साहित बने हुए हैं, लेकिन हम सीमेंट शेयरों के जरिये इस पर दांव लगाना चाहेंगे, जिसमें क्षमता इस्तेमाल बढऩे की संभावना है और इससे बेहतर मूल्य निर्धारण ताकत को बढ़ावा मिलेगा। वैश्विक जिंसों में, इस्पात में तेजी का रुझान बना हुआ है। हालांकि गेफाइट कंपनियों के शेयरों में बेहतर वैल्यू बरकरार है, लेकिन इनमें चक्रीयता संबंधी तेजी हाल में शुरू हुई है। सेक्टर के तौर पर स्पेशियल्टी केमिकल साल की तेज वृद्घि के लिए तैयार है।