दैनिक उपभोक्ता उत्पाद (एफएमसीजी) क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर ने 31 दिसंबर, 2021 को समाप्त तिमाही के दौरान शुद्ध लाभ में गुरुवार को 2,243 करोड़ रुपये के साथ 17 प्रतिशत की उछाल दर्ज की है, क्योंकि कोरोनोवायरस से संबंधित लॉकडाउन से देश के उबरने से शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में इसकी बाजार हिस्सेदारी बढ़ी है। एक साल पहले की अवधि में इसने 1,921 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। इस तिमाही के दौरान यह वृद्धि 11 प्रतिशत की घरेलू उपभोक्ता वृद्धि के साथ प्रतिस्पर्धी और लाभदायक रही है। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि शहरी और ग्रामीण दोनों ही बाजारों और सभी मूल्य वर्गों में इसके सभी अनुभागों में बाजार हिस्सेदार बढऩे से कारोबार की महत्त्वपूर्ण चीजें मजबूत रही हैं।
एचयूएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने कहा कि हमने इस तिमाही में दमदार और लचीला प्रदर्शन दिया है। मुझे विशेष रूप से इस बात की खुशी है कि यह वृद्धि हमारी बाजार हिस्सेदारी एक दशक से अधिक की अवधि में सर्वाधिक होने के लिहाज से बेहद प्रतिस्पर्धी है। गुरुवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर कंपनी का शेयर दो प्रतिशत गिरकर 2,261.60 रुपये पर बंद हुआ।
उत्पादों की बिक्री एक साल पहले के 11,682 करोड़ रुपये की तुलना में 10 प्रतिशत बढ़कर 12,900 करोड़ रुपये हो गई है।
उपभोक्ता वस्तुओं की इस विनिर्माताओं ने वैश्विक महामारी से संबंधित प्रतिबंधों में ढील दिए जाने से खरीदारी बढऩे की उम्मीद की थी, लेकिन मुद्रास्फीति के अधिक स्तर ने उपभोक्ताओं की व्यय करने की शक्ति को सीमित कर दिया है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र का लाभ 110.7 फीसदी बढ़ा
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने दिसंबर 2021 को समाप्त होने वाली तीसरी तिमाही (वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही) के दौरान शुद्ध लाभ में 325 करोड़ रुपये के साथ 110.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। मुख्य रूप से शुद्ध ब्याज आय में मजबूत वृद्धि से ऐसा हुआ है। वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही में शुद्ध लाभ 154 करोड़ रुपये और सितंबर 2021 को समाप्त दूसरी तिमाही (वित्त वर्ष 22 की दूसरी तिमाही) में 263 करोड़ रुपये था। बैंक का शेयर बीएसई पर 2.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 20.95 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था।
वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) 16.90 प्रतिशत तक बढ़कर 1,527 करोड़ रुपये हो गई, जबकि वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही में यह 1,306 करोड़ रुपये थी। क्रमिक रूप से वित्त वर्ष 22 की दूसरी तिमाही में 1,500 करोड़ रुपये की एनआईआई के साथ वृद्धि स्थिर रही। सार्वजनिक क्षेत्र के इस ऋणदाता का शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में बढ़कर 3.11 प्रतिशत हो गया, जबकि वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही में यह 3.06 प्रतिशत था। क्रमिक रूप से वित्त वर्ष 22 की दूसरी तिमाही के 3.27 प्रतिशत के मुकाबले एनआईएम में गिरावट आई है। वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर गैर-ब्याज आय 6.35 प्रतिशत तक बढ़कर 611 करोड़ रुपये हो गई, जो वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही में 575 करोड़ रुपये थी। क्रमिक रूप से यह सितंबर 2021 को समाप्त होने वाली तिमाही में 832 करोड़ रुपये की तुलना में काफी कम हुआ है। वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही के दौरान सालाना आधार पर इसका सकल अग्रिम 22.98 प्रतिशत बढ़कर 1,29,006 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही मे यह 1,04,904 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में कुल जमा 15.21 प्रतिशत तक बढ़कर 1,86,614 करोड़ रुपये हो गया है।
पीएनबी हाउसिंग का शुद्ध लाभ घटा
पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस का शुद्ध लाभ दिसंबर में समाप्त तिमाही में 19 फीसदी घटकर 188 करोड़ रुपये रह गया, जिसकी वजह ब्याज आय में 20 फीसदी की नरमी और परिसंपत्ति गुणवत्ता में आई गिरावट है। कंपनी की ब्याज आय सालाना आधार पर 20 फीसदी घटकर 1,411 करोड़ रुपये रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,758 करोड़ रुपये रही थी।
कंपनी की शुद्ध ब्याज आय इस अवधि में 26 फीसदी घटकर 439 करोड़ रुपये रही जबकि शुद्ध ब्याज मार्जिन 2.67 फीसदी की गिरावट के साथ 3.01 फीसदी रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 3.18 फीसदी रही थी। पीएनबी हाउसिंग की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां बढ़कर 7.64 फीसदी पर पहुंच गई, जो पिछली तिमाही में 5.94 फीसदी रही थी। कंपनी का सकल एनपीए पिछले साल की समान अवधि में 4.47 फीसदी रहा था। शुद्ध एनपीए बढ़कर 4.87 फीसदी रहा, जो पिछली तिमाही में 3.32 फीसदी रहा था और एक साल पहले की समान अवधि में 2.69 फीसदी रहा था।
बजाज फिनसर्व का शुद्ध लाभ घटा
बजाज फिनसर्व लि. (बीएफएस) का दिसंबर, 2021 में समाप्त चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 2.63 फीसदी घटकर 1,256 करोड़ रुपये पर आ गया। एक साल पहले समान तिमाही में विविध वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनी ने 1,290 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ
कमाया था। कंपनी ने कहा है कि भारतीय लेखा मानकों के तहत उसकी बीमा अनुषंगियों बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस लि. (बीएएलआईसी) और बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस लि. (बीएजीआईसी) ने लाभ एवं हानि खाते के जरिए इक्विटी प्रतिभूति पोर्टफोलियो के बड़े हिस्से को उचित मूल्य पर रखने का विकल्प चुना है।
कंपनी ने कहा है कि तिमाही के दौरान उसकी एकीकृत कुल आय बढ़कर 17,620 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 15,961 करोड़ रुपये थी। तिमाही के दौरान बजाज फाइनैंस का एकीकृत शुद्ध लाभ 85 फीसदी की उछाल से 2,125 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 1,146 करोड़ रुपये था।
एक बयान में कहा गया है कि कंपनी के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) बढऩे से उसका मुनाफा बढ़ा है। इस दौरान कंपनी का एयूएम 26 फीसदी बढ़कर 1,81,250 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 1,43,550 करोड़ रुपये था।
एशियन पेंट्स का शुद्ध लाभ घटा
एशियन पेंट्स ने गुरुवार को अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के शुद्ध लाभ में 1,015.7 करोड़ रुपये के साथ 18 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है, क्योंकि कच्चे माल की अधिक लागत से मार्जिन को नुकसान पहुंचा है। देश की सबसे बड़ी रंग-रोगन विनिर्माता ब्लूमबर्ग के 1,137.8 करोड़ के शुद्ध लाभ के अनुमान से चूक गई है। लेकिन सालाना आधार पर राजस्व 8,527.2 करोड़ रुपये के साथ 25.6 प्रतिशत अधिक रहा, जो ब्लूमबर्ग के अनुमानों के अनुरूप था।
रंग-रोगन की इस दिग्गज कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि घरेलू सजावटी पेंट कारोबार में वॉल्यूम 18 प्रतिशत बढ़ा है। इसमें लगातार पांच तिमाहियों के दौरान दो अंकों की दमदार वृद्धि दर्ज की गई है।
ब्याज, मूल्यह्रास और कर पूर्व लाभ इस तिमाही में सालाना आधार पर 14.8 फीसदी गिरावट के साथ 1,629.1 करोड़ रुपये रहा, जबकि इसका कुल व्यय 38.5 फीसदी बढ़कर 7,220 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल की तुलना में इस तिमाही के दौरान कच्चे माल की खपत की लागत 41.4 प्रतिशत बढ़कर 4,084.5 करोड़ रुपये हो गई।
एशियन पेंट्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी अमित सिंगल ने कहा कि कच्चे माल की कीमतों में तेज और अभूतपूर्व महंगाई के रुख ने इस तिमाही में कारोबारों के सकल मार्जिन को प्रभावित करना जारी रखा है।
कंपनी ने इस महंगाई का असर कम करने के लिए नवंबर और दिसंबर में कीमतों में खासा इजाफा किया था, जिससे इसके मार्जिन में क्रमिक रूप से सुधार हुआ है। सिंगल ने कहा कि औद्योगिक कोटिंग कारोबार ने भी दोहरे अंकों की जोरदार राजस्व वृद्धि दर्ज की है, विशेष रूप से सुरक्षात्मक कोटिंग वाले खंड में। हालांकि वाहन कोटिंग कारोबार वाहन क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों से प्रभावित रहा। बीएस