हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) के चेयरमैन नितिन परांजपे ने कंपनी की सालाना आम बैठक (एजीएम) में शेयरधारकों को बताया कि कंपनी को अल्पावधि और मध्यम अवधि में बाजार के हालात में सुधार की उम्मीद है, जिसमें कृषि क्षेत्र, घटी हुई महंगाई और कराधान में बदलाव जैसे कई कारक मददगार होंगे।परांजपे ने एजीएम में शेयरधारकों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, वित्त वर्ष 2026 में हमारा मानना है कि अल्पावधि और मध्यम अवधि में हमें कई वजहों से बाजार की स्थितियों में सुधार देखेंगे, आर्थिक स्थितियां बेहतर हो रही हैं। कृषि क्षेत्र और उत्पादन बेहतर रहा है और उम्मीद है कि इस साल मॉनसून बेहतर रहेगा।
उन्होंने कहा, महंगाई दर में कमी आ रही है, और इससे मदद मिलती है और यही वे चीजें हैं जिनके परिणामस्वरूप ग्रामीण अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है। लेकिन घटी महंगाई व कर में किए गए बदलावों से लोगों की जेब में ज्यादा पैसे आए हैं। साथ ही, मौद्रिक नीति में कुछ बदलाव आदि से अर्थव्यवस्था और इस बाज़ार के सेंटिमेंट को फायदा होगा। जिसके परिणामस्वरूप हमें समग्र वातावरण में धीरे-धीरे ही सही, सुधार देखने को मिलेगा।
शेयरधारकों को संबोधित करते हुए परांजपे ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता और धीमी वृद्धि के बावजूद भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है और यहां वित्त वर्ष 26 में करीब 6.3 फीसदी की वृद्धि अनुमानित है।
उन्होंने कहा, भारत में भौतिक बुनियादी ढांचे की कमी रही है क्योंकि पहली, दूसरी और तीसरी औद्योगिक क्रांतियों में भारत पिछड़ गया था। लेकिन चौथी औद्योगिक क्रांति के दौरान देश ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई) के माध्यम से इसकी भरपाई कर ली है। दुनिया भर के देश भारत के आधार और यूपीआई जैसे ओपन नेटवर्क मॉडल को अपनाना चाहते हैं। वास्तव में, डिजिटलीकरण और देश का डीपीआई भविष्य का सबसे बड़ा लाभ हो सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के माध्यम से डिजिटल कॉमर्स में आगे बढ़ रहा है।
ओएनडीसी, अन्य डीपीआई ढांचों के समान सिद्धांतों पर काम करता है, जिसका मकसद विक्रेताओं और खरीदारों को एक ही मंच पर लाना है, जिससे सभी के लिए अवसर पैदा होते हैं। स्थानीय किराना वालों से लेकर सबसे बड़े खुदरा विक्रेताओं तक हर कोई नेटवर्क का लाभ उठा सकता है, जिससे उपभोक्ताओं को स्वतंत्र रूप से चुनने की अनुमति मिलती है, जिससे एकसमान अवसर मिलते हैं।
उन्होंने यह भी कहा, यह कहना जितना आसान है, करना उतना ही मुश्किल है। देश के 1.2 करोड़ से अधिक विक्रेताओं और पुनर्विक्रेताओं को ई-कॉमर्स का लाभ उठाने और भारत की ई-रिटेल पहुंच में सुधार लाने के लिए प्रेरित करना और भारत की ई-रिटेल पहुंच को मौजूदा 4.3 फीसदी से बेहतर बनाना एक कठिन काम है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के बारे में उन्होंने कहा कि यह भारत के अगले चरण की वृद्धि को गति दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के वित्त मंत्री ने हाल ही में कहा था कि एआई को अपनाने वाले उद्योग भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में मदद कर सकते हैं। आइसक्रीम कारोबार के अलग करने के बारे में परांजपे ने शेयरधारकों को बताया कि भारत में यह श्रेणी आकर्षक है और बढ़ रही है तथा इसके आगे और भी बढ़ने की संभावना है।