रिलायंस रिटेल की कारोबारी रणनीति को आगे बढ़ाने में फ्यूचर समूह की परिसंपत्तियां वास्तव में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। विशेष तौर पर रिलायंस रिटेल को 91 अरब डॉलर के संगठित खुदरा बाजार (ई-कॉमर्स और ऑफलाइन रिटेल सहित) में अपनी बाजार हिस्सेदरी बढ़ाने में वाकई उससे काफी मदद मिलेगी अथवा यह एक कंपनी पर नियंत्रण हासिल करने के लिए दो कारोबारी दिग्गजों- मुकेश अंबानी और एमेजॉन प्रमुख जेफ बेजोस- के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई हो गई है?
विशेषज्ञों के बीच इस मुद्दे पर अलग-अलग राय है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्व आंकड़ों के आधार पर फ्यूचर रिलायंस रिटेल की राजस्व बाजार हिस्सेदारी में कोई खास अंतर नहीं ला पाएगी। वैश्विक महामारी के प्रकोप के बावजूद रिलायंस रिटेल ने वित्त वर्ष 2021 में 1,57,629 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया है। वित्त वर्ष 2021 में रिलायंस रिटेल के राजस्व के मुकाबले फ्यूचर समूह का राजस्व महज 7 फीसदी रहा जो वित्त वर्ष 2020 में करीब 18 फीसदी रहा था।
ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि फ्यूचर रिटेल और फ्यूचर लाइफस्टाइल ऐंड फैशन जैसी किशोर बियाणी की प्रमुख कंपनियों को वैश्विक महामारी का तगड़ा झटका लगा और उसका नकदी संकट गहरा गया। कुल मिलाकर फ्यूचर समूह का राजस्व वित्त वर्ष 2021 में घटकर 12,000 करोड़ रुपये के दायरे में रह गया जो सौदा होते समय 30,000 करोड़ रुपये से अधिक था।
उदाहरण के लिए, फ्यूचर रिटेल का राजस्व वित्त वर्ष 2020 में 20,118 करोड़ रुपये था जो करीब जबरदस्त गिरावट के साथ वित्त वर्ष 2021 में महज 6,210 करोड़ रुपये रह गया। इसी प्रकार फ्यूचर फैशन ऐंड लाइफस्टाइल लिमिटेड जैसे अन्य प्रमुख कारोबार के राजस्व में भी नाटकीय तौर पर गिरावट दर्ज की गई।
फ्यूचर फैशन ऐंड लाइफस्टाइल लिमिटेड का राजस्व वित्त वर्ष 2020 में 6,050 करोड़ रुपये था जो घटकर वित्त वर्ष 2021 में महज 2,210 करोड़ रुपये रह गया। समान अवधि के दौरान कंपनी का शुद्ध घाटा बढ़कर वित्त वर्ष 2021 में 870.51 करोड़ रुपये तक पहुंच गया जबकि वित्त वर्ष 2020 में उसे21.64 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ हुआ था।
फ्यूचर समूह का मौजूदा राजस्व रिलायंस रिटेल के संगठित खुदरा कारोबार से प्राप्त राजस्व में 2 फीसदी से भी कम हिस्सेदारी बढ़ाएगा। मुकेश अंबानी की कंपनी फिलहाल 23 फीसदी से अधिक राजस्व हिस्सेदारी को नियंत्रित करती है। इतना ही नहीं रिलायंस ने वैश्विक महामारी के बावजूद आक्रामक तरीके से स्टोर खोले हैं। वित्त वर्ष 2021 में उसके स्टोरों की कुल संख्या बढ़कर 12,711 तक पहुंच गई और इनमें से करीब 1,500 स्टोर वैश्विक महामारी वाले वित्त वर्ष के दौरान खोले गए। इसके विपरीत फ्यूचर रिटेल के स्टोरों की कुल संख्या 1,500 रही जबकि रिलायंस रिटेल ने महज एक साल के दौरान इतने स्टोर खोले।
टेक्नोपार्क के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अंकुर बिसेन ने कहा, ‘फ्यूचर समूह का मूल्य उसके स्टोर, राजस्व और कुछ दमदार ब्रांडों से आता है जो उसके अपने हैं। लेकिन उसके मूल्य को निश्चित तौर पर झटका लगा है।’