प्रदीप दाधा ने जब माइक्रोसॉफ्ट टीम के जरिये एक बैठक में मुकेश अंबानी के बेटे आकाश अंबानी और उनकी बेटी ईशा अंबानी से बातचीत की तो अचंभित हो गए। उन्होंने सोचा भी नहीं था कि उस बैठक का नतीजा इतना सकारात्मक होगा कि रिलायंस 620 करोड़ रुपये के एक सौदे के तहत 2015 में स्थापित उनके स्टार्टअप में बहुलांश हिस्सेदारी खदीद लेगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने करीब 620 करोड़ रुपये के एक नकद सौदे के तहत चेन्नई की ऑनलाइन फार्मेसी डिलिवरी स्टार्टअप नेटमेड्स (वाइटैलिक हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड) में बहुलांश हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। दाधा फार्मा द्वारा प्रवर्तित नेटमेड्स ऑनलाइन फार्मेसी क्षेत्र के पुराने कारोबारियों में से एक है।
नेटमेड्स के संस्थापक एवं सीईओ प्रदीप दाधा ने कहा, ‘वास्तव में रिलायंस परिवार के साथ जुडऩे और गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवा को सस्ता एवं हरेक भारतीय के लिए सुलभ बनाने के लिए वह एक गौरव का क्षण था। समूह के डिजिटल, खुदरा एवं प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्मों की संयुक्त ताकत के साथ हम ग्राहकों को बेहतरीन ओमनी चैनल अनुभव प्रदान करते हुए सभी के लिए कहीं अधिक मूल्य सृजित करने पर जोर देंगे।’
दाधा ने कहा, ‘मैं उद्यमी के अलावा कुछ और बनने का सोच भी नहीं सकता। यही मेरी राह है।’ व्हाट्सऐप की स्थापना अथवा उसमें निवेश करने की उनकी इच्छा है। स्टीव जॉब्स और जेफा बेजोस उनके आदर्श हैं।
दाधा ने महज अपनी एक सोच के जरिये नेटमेड्स को ‘इंडिया की फार्मेसी’ बना दी।
चालीस वर्षीय प्रदीप दाधा का परिवार 1914 से ही फार्मास्युटिकल कारोबार से जुड़ा रहा है। परिवार ने 1972 में दवा विनिर्माण के क्षेत्र में कदम रखा था। वर्ष 1996 में उनके परिवार की विनिर्माण इकाई तमिलनाडु दाधा फार्मास्युटिकल्स का विलय सन फार्मा में हो गया था। समूह आज केरल में थोक और तमिलनाडु में खुदरा दवाओं की बिक्री करता है। प्रदीप दाधा नॉच मीडिया के चेयरमैन और प्रदीप दाधा ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमुख हैं। चेन्नई के लोयोला कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद दाधा ने अपने परिवार के औषधि कारोबार दाधा फार्मा प्राइवेट लिमिटेड से बतौर सेल्स रिप्रजेंटेटिव जुड़ गए थे। बाद में उन्होंनें कंपनी के फुलफिलमेंट एवं मानव संसाधन विभागों में काम किया। उन्होंने 1,500 से अधिक आउटलेट की एक खुदरा वितरण शृंखला तैयार की थी।
बाद में उन्होंने रिलायंस इन्फोकॉम और सन कम्युनिक के कॉन्टैक्ट सेंटर डिवीजन में प्रमुख पदों पर काम किया। प्रमुख प्रबंधन टीम के सदस्य होने के नाते वह बजट तैयार करने, लागत एवं आरओआई विश्लेषण, ग्राहकों के साथ बातचीत करने, मानव संसाधनों की तैनाती जैसे कार्यों में शामिल रहे। इस प्रकार कॉन्टैक्ट सेंटर और बीपीओ सेंटर के प्रबंधन में उन्होंने काफी कुशलता हासिल की। इससे उन्हें वैश्विक बीपीओ रुझानों को समझने और उसे लागू करने में मदद मिली।
दाधा ने अपने पारिवारिक कारोबार के लिए एक ऑनलाइन बिक्री ढांचा तैयार करने के विचार के साथ अपने पारिवारिक कारोबार में लौट आए।