अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की 24 जनवरी को आई रिपोर्ट से संकट से घिरे अदाणी ग्रुप को मॉरीशीस सरकार से बड़ी राहत मिली है। मॉरीशीस की संसद ने गौतम अदाणी (Gautam Adani) को क्लीन चिट देते हुए हिंडनबर्ग रिपोर्ट को झूठी और आधारहीन करार दिया है। मॉरीशीस के वित्तीय सेवा मंत्री ने संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया कि देश में अदाणी ग्रुप की शेल कंपनियां होने का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट झूठी और आधारहीन है। बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में मॉरीशीस, UAE और कैरिबियाई द्वीपों में अदाणी ग्रुप की शेल कंपनियों की मौजूदगी का आरोप लगाया था।
मॉरीशीस के एक सांसद ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों के बारे में सरकार से सवाल पूछा था। इसके उत्तर में वित्तीय सेवा मंत्री महेन कुमार सीरूत्तन ने कहा कि मॉरीशीस के कानून में शेल कंपनियों के लिए कोई जगह नहीं है। सीरूत्तन ने आगे कहा कि FSC से लाइसेंस लेने वाली ग्लोबल कंपनियों को मॉरीशस सरकार द्वारा निर्धारित कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करना होता है और आयोग इस पर कड़ी नजर भी रखता है।
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बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को 106 पेज की एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप पर स्टॉक्स के 85 फीसदी तक ओवरवैल्यूड होने के आरोप लगाए गए थे। यह भी आरोप लगाया गया था कि हेराफेरी के लिए ग्रुप ने मॉरीशीस में बनाई गई शेल कंपनियों का सहारा लिया। इन आरोपों से निवेशकों का भरोसा अदाणी ग्रुप की कंपनियों से डगमगाने लगा और देखते ही देखते ग्रुप का आधा मार्केट कैपिटल कम हो गया। हालांकि अब मॉरीशीस सरकार से अदाणी ग्रुप को शेल कंपनियों के मामले में क्लीन चीट मिल गई है।