भारत के सबसे बड़े म्युचुअल फंडों में शुमार एचडीएफसी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी (एचडीएफसी एएमसी) के कर्मचारियों ने कंपनी की शेयर कीमतों में तेजी का लाभ उठाते हुए भारी बिकवाली की है। ये कर्मचारी जनवरी से एचडीएफसी एएमसी में 174.9 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों के शुद्घ बिकवाल बने हुए हैं।
जनवरी से एक्सचेंज द्वारा की गई घोषणाओं पर बिजनेस स्टैंडर्ड के विश्लेषण से पता चलता है कि प्रशांत जैन, कृष्णा कुमार डागा राकेश व्यास, शरद मोनोट और चिराग सीतलवाड उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने हिस्सेदारी बेची है। मुख्य निवेश अधिकारी प्रशांत जैन ने 74.8 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। कृष्ण कुमार डागा, राकेश व्यास और चिराग सीतलवाड सभी कंपनी के फंड प्रबंधक हैं। म्युचुअल फंड वेबसाइट पर उपलब्ध मासिक खुलासों के अनुसार उपाध्यक्ष शरद मोनोट जोखिम प्रबंधन देखते हैं। इस घटनाक्रम से अवगत दो अधिकारियों के अनुसार, विविधता, व्यक्तिगत बैठक और कल्याणकारी जरूरतें तथा स्टॉक ऑप्शन की फंडिंग इस बिक्री की मुख्य वजहों में शामिल हैं। कंपनी को इस संबंध में भेजे गए ईमेल संदेश का कोई जवाब नहीं मिला है। कई बड़े विक्रेताओं की अभी भी इस कंपनी में हिस्सेदारी बची हुई है। वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी बिक्री करने वाले प्रशांत जैन की इसमें हिस्सेदारी जनवरी से 0.42 प्रतिशत से घटकर 0.28 प्रतिशत रह गई है। शेयर 1100 रुपये की अपनी सूचीबद्घता कीमत से 117 प्रतिशत तक चढ़ चुका है। बुधवार को यह 2,387.4 रुपये पर बंद हुआ।
कंपनी ने हाल में कर्मचारिों के वेतन में कटौती की थी। प्रबंध निदेशक मिलिंद बार्वे ने अपनी 23 जुलाई की रिपोर्ट में कहा था, ‘वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत और कनिष्ठ स्तर के कर्मचारियों के लिए कम वेतन कटौती हुई है और बड़ी संख्या में जूनियर कर्मचारियों के प्रदर्शन वेतन में कटौती नहीं हुई है, लेकिन हम प्रदर्शन आधारित वेतन में पिछले साल 8.5-9 करोड़ रुपये की बचत करने में सफल रहे थे।’
