‘ग्रोवर ने कंपनी के पैसों में हेरफेर किया’

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:58 PM IST

अशनीर ग्रोवर और भारतपे के निदेशक मंडल के बीच दो महीने से खींचतान जारी है और कंपनी ने आज पहली बार आधिकारिक तौर पर भारतपे के संस्थापक ग्रोवर और उनके परिवार एवं संबंधियों पर पैसे की अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है।
भारतपे ने कहा, ‘ग्रोवर और उनके रिश्तेदार कंपनी के धन में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता में लिप्त रहे हैं। फर्जी आपूर्तिकर्ता बनाकर कंपनी के खातों से पैसे की हेराफेरी की गई और अपने लिए तथा शानोशौकत की जिंदगी जीने के लिए उन्होंने बड़े पैमाने पर कंपनी के धन का दुरुपयोग किया है।’
ग्रोवर अब इस फिनटेक कंपनी के बोर्ड में नहीं है और सबका ध्यान कंपनी में उनकी 8.5 फीसदी हिस्सेदारी पर है। इससे पहले ग्रोवर ने कंपनी की कीमत 6 अरब डॉलर मानकर अपनी हिस्सेदारी छोडऩे के लिए करीब 4,000 करोड़ रुपये की मांग की थी।
घटनाक्रम के जानकार सूत्र ने बताया कि प्रबंध निदेशक और निदेशक पद से अशनीर ग्रोवर के इस्तीफे के बाद भारतपे के निदेशक मंडल ने उन्हें कंपनी से पूरी तरह बाहर कर दिया है। उन्होंने बोर्ड और बहुलांश निवेशकों की मंजूरी के बिना इस्तीफा दिया था, ऐसे में शेयरधारक अनुबंध का असर होगा।     
सूत्रों के अनुसार कंपनी के आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन के तहत निदेशक मंडल संस्थापक के शेयर की पुनर्खरीद बाजार मूल्य से कम भाव पर कर सकता है।
सूत्रों ने कहा कि बिग 4 फर्म के अनुसार संस्थापक द्वारा लापरवाही या जानबूझकर अनुचित व्यवहार किया। हालांकि इस फर्म का कंपनी के साथ कोई संबंध नहीं है, ऐसे में बोर्ड बिग 4 फर्म द्वारा साझा की गई रिपोर्ट के आधार पर साधारण बहुमत से निर्णय ले सकता है।  सूत्रों के मुताबिक अगर संस्थापक बोर्ड की मंजूरी के बिना इस्तीफा देता है तो समझौते के अनुसार बोर्ड बहुलांश निवेशकों की सहमति से संस्थापकों के प्रतिबंधित शेयरों को उचित बाजार मूल्य से कम भाव पर खरीद सकता है। इसके साथ ही उनके इस्तीफे के बाद आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन के तहत संस्थापक के सभी अधिकार खत्म हो जाते हैं।
ग्रोवर ने सोमवार को कंपनी के प्रबंध निदेशक और बोर्ड के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था। कंपनी ने बाद में कहा था कि ग्रोवर का इस्तीफा बोर्ड की बैठक बुलाए जाने से कुछ मिनट पहले मिला था। बोर्ड ने बिग 4 अकाउंटिंग फर्म पीडब्ल्यूसी की ऑडिट रिपोर्ट पर विचार-विमर्श के लिए बैठक बुलाई थी। हालांकि बोर्ड बैठक मंगलवार देर रात हुई थी लेकिन कंपनी ने उसमें लिए गए निर्णय का खुलासा नहीं किया। यह भी नहीं बताया गया कि ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी या नहीं।
कंपनी द्वारा सार्वजनिक तौर पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाए जाने के बाद ग्रोवर ने कहा, ‘मैं कंपनी के निहायत निजी किस्म के बयान से चकित हूं लेकिन कोई हैरानी नहीं हुई। इस बयान के पीछे निजी तौर पर नफरत और घटिया सोच है।’ उन्होंने कहा, मैं जानना चाहता हूं कि अमरचंद, पीडब्ल्यूसी और एऐंडएम में से कौन जीवनशैली का ऑडिट करने लगा है? विलासितापूर्ण जीवनशैली मेरा सपना है और इसे मैंने तमाम अड़चनों, मुश्किलों तथा उद्यमशीलता से हासिल किया है। मैं आशा करता हूं कि बोर्ड जल्द ही काम पर लौटेगा – शेयरधारक होने के नाते मैं कंपनी के मूल्यों में गिरावट को लेकर चिंतित हूं।

First Published : March 2, 2022 | 11:15 PM IST