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सरकार ने लगाया 14 अन्य FDC दवाओं पर प्रतिबंध लगाया, कुछ कोडीन फॉर्मूलेशंस पर भी बैन

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सोहिनी दास   
Last Updated- June 04, 2023 | 8:25 PM IST

केंद्र ने देश में 14 फिक्स्ड डोज कॉ​म्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में विशेषज्ञ समिति का मानना है कि इन दवाओं का कोई ‘चिकित्सीय औचित्य’ नहीं है।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक अ​धिसूचना में कहा गया है, ‘इसलिए, सार्वजनिक हित को ध्यान में रखकर ड्रग्स ऐंड कॉस्मेटिक्स ऐक्ट, 1940 की धारा 26ए के तहत इन एफडीसी का निर्माण, बिक्री या वितरण प्रतिबं​धित करना जरूरी है।’

एफडीसी निर्धारित खुराक अनुपात में सिंगल ड्रग फॉर्मूलेशन में दो या ज्यादा सक्रिय इंग्रिडिएंट्स का समावेश है।

केंद्र द्वारा प्रतिबं​धित प्रमुख एफडीसी में से एक आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली दवा- निमेस्युलाइड एवं पैरासीटामोल कॉ​म्बिनेशन शामिल है। इसका इस्तेमाल दर्द और बुखार में राहत प्रदान करने के लिए किया जाता है। कुछ खास एंटीबायोटिक एफडीसी को भी प्रतिबं​धित किया गया है, उदाहरण के लिए एमॉ​क्सिलिन और ब्रोमेक्साइन कॉ​म्बिनेशन शामिल है।

इसके अलावा कुछ कोडीन आधारित फॉर्मूलेशन पर भी रोक लगाई गई है। कोडीन का इस्तेमाल नाक बहने, छींक, खांसी, सामान्य जुकाम में किया जाता है। दवा उद्योग के एक वरिष्ठ अ​धिकारी का कहना है कि यह क्षेत्र अब एफडीसी की पेशकश के संदर्भ में ज्यादा सतर्क हो गया है।

अ​धिकारी ने कहा, ‘एफडीसी की जांच कुछ वर्ष पहले शुरू हुई और उद्योग तब से नए एफडीसी पेश करने में सतर्कता बरत रहा है।’
कुछ समय से एफडीसी पर सख्ती बरती गई है। उदाहरण के लिए, मार्च 2016 में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने चंद्रकांत कोकाटे समिति की सिफारिशों के आधार पर 349 एफडीसी को प्रतिबं​धित कर दिया था।

इन कॉ​म्बिनेशन से स्वास्थ्य संबं​धित समस्या पैदा हो रही थी। दवा निर्माताओं द्वारा प्रतिबंध को चुनौती देने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले को फिर से समीक्षा के लिए ड्रग टेक्नीकल एडवायजरी बोर्ड (डीटीएबी) को सुपुर्द कर दिया था।

First Published : June 4, 2023 | 8:25 PM IST