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Google Vs CCI : स्टार्टअप कंपनियों को भाया सीसीआई का फैसला

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सौरभ लेले, आर्यमान गुप्ता
Last Updated- January 20, 2023 | 9:59 PM IST

कई भारतीय स्टार्टअप ने गूगल-सीसीआई मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की सराहना की है। स्टार्टअप कंपनियों का कहना है कि इससे बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव को बढ़ावा मिल सकता है और गूगल की प्रतिस्पर्धियों के लिए समान राह तैयार करने में मदद मिलेगी।

गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील पंचाट (एनसीएलएटी) द्वारा दिए गए आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और गूगल को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा लगाए गए 1,337 करोड़ रुपये के जुर्माने का 10 प्रतिशत जमा करने का निर्देश दिया।

बेहद महत्वपूर्ण बात यह है कि सर्वोच्च न्यायालय ने सीसीआई द्वारा पिछले साल अक्टूबर में दिए गए फैसले के तहत 10 निर्देशों के अनुपालन में गूगल को किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है।

सीसीआई आदेश के अनुसार, गूगल ऐप स्टोरों के डेवलपरों को प्ले स्टोर के जरिये ग्राहकों तक अपने ऐप स्टोरों की पहुंच मुहैया कराने की अनुमति देगा।

भारतीय ऐपस्टोर प्लेटफॉर्म इंडस ओएस के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी राकेश देशमुख ने कहा कि इस निर्णय से भारतीय स्मार्टफोन तंत्र में बड़ा बदलाव आएगा तथा हमारे देश में डिजिटल पैठ सुधरेगी।

देशमुख ने कहा, ‘सीसीआई के आदेश से उन भारतीय स्टार्टअप के लिए एक समान राह तैयार होगी, जो अब गूगल के उत्पादों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। इस प्रतिस्पर्धा की वजह से ज्यादा बेहतर डिजिटल उत्पाद उपलब्ध होंगे। एक देश के तौर पर हम कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसलिए यह आदेश उपयोगकर्ताओं को ज्यादा विकल्प और बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव मुहैया कराने में मददगार साबित होगा।’

उन्होंने कहा कि नए भारतीय स्टार्टअप सीमित व्यवस्था से मुक्त अगले तीन से पांच साल के अंदर देश में अपना दायरा बढ़ाने में सक्षम होंगे। काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुमानों के अनुसार भारत में 60 करोड़ स्मार्टफोन में से करीब 97 प्रतिशत एंड्रोयड पर आधारित हैं। ऐपल की महज 3 प्रतिशत भागीदारी है।

स्मार्टफोन निर्माताओं के लिए एंड्रोयड सिस्टम का लाइसेंस प्रदान करने वाली गूगल का कहना है कि वह हर किसी को ज्यादा और निष्पक्ष तरीके से विकल्प मुहैया कराती है।

सोशल गेमिंग प्लेटफॉर्म विंजो की सह-संस्थापक सौम्या सिंह राठौर ने कहा, ‘हमने सीसीआई के आदेश का स्वागत किया है। यह भारतीय इकोसिस्टम के लिए अच्छी खबर है और इससे एक वैश्विक मिसाल कायम हुई है। यह फैसला न सिर्फ भारत के इसके निहितार्थ की वजह से, बल्कि वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण  है।’

विंजो ने पिछले साल सितंबर में गूगल के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। तब विंजो ने कहा था कि गूगल के प्ले स्टोर पर सिर्फ डेली फैंटेसी स्पोर्ट्स (डीएफएस) और रमी गेम्स को शामिल किए जाने की ही अनुमति थी, जबकि कई कौशल-आधारित गेमिंग प्लेटफॉर्मों और लोकल डेवलपरों को उससे दूर रखा गया।

राठौड़ ने कहा, ‘प्ले स्टोर पर बेहद सख्त मानक और प्रतिस्पर्धा-विरोधी नीतियां हैं। गूगल के जरिये व्यवसाय करना बेहद कठिन है। पिछले साल उसके ऐप स्टोर पर भुगतान भी एक बड़ी समस्या थी। अदालती फैसले से स्टार्टअप तंत्र को वास्तव में मदद मिलेगी।

First Published : January 20, 2023 | 9:59 PM IST