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Go First को NCLT से मिली 60 दिन की मोहलत

दिवालिया प्रक्रिया के लिए गो फर्स्ट को यह तीसरी बार मोहलत दी गई है।

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भाविनी मिश्रा   
Last Updated- April 08, 2024 | 11:04 PM IST

राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) ने सोमवार को गो फर्स्ट को उसकी दिवालिया प्रक्रिया पूरी करने के लिए अन्य 60 दिन का समय दिया। एनसीएलटी द्वारा यह मोहलत एस्सार स्टील मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर आधारित थी, जिसमें विशेष परिस्थितियों में इस तरह की रियायत की अनुमति दी गई।

दिवालिया प्रक्रिया के लिए गो फर्स्ट को यह तीसरी बार मोहलत दी गई है। एनसीएलटी ने बंद पड़ी एयरलाइन गो फर्स्ट की दिवालिया प्रक्रिया 23 नवंबर 2023 को 90 दिन तक बढ़ाई थी। रियायत की अवधि 6 नवंबर 2023 से शुरू हुई और 4 फरवरी 2024 को समाप्त हुई। तब गो फर्स्ट ने 4 फरवरी से 4 अप्रैल 2024 तक की मोहलत मांगी थी।

आईबीसी की धारा 12(1) के अनुसार, दिवालिया प्रक्रिया 180 दिन या 90 दिन की विस्तारित अवधि के अंदर पूरी की जानी चाहिए और इसे 330 दिन में पूरा किया जाना अनिवार्य है, जिसमें रियायत की अवधि तथा कानूनी प्रक्रिया में लगने वाला कुल समय शामिल है।

सोमवार को एयरलाइन के रिजोल्यूशन पेशेवर ने सोमवार को एस्सार स्टील के फैसले का हवाला देते हुए इस मोहलत को उचित ठहराया और कहा कि समाधान योजना निष्कर्ष के करीब है। वहीं, पट्टेदारों ने गो फर्स्ट को मिली मोहलत का विरोध किया है।

एनसीएलटी ने एयरलाइन का समर्थन किया और उसे अतिरिक्त समय दे दिया। गो फर्स्ट ने 2 मई, 2023 को आईबीसी की धारा 10 के तहत वोलंटरी इनसॉल्वंसी के लिए आवेदन किया था और 10 मई को एनसीएलटी ने एयरलाइन के दिवालिया आवेदन को स्वीकार कर लिया था।

गो फर्स्ट की विमान पट्टादाता ने तब यह कहते हुए राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील पंचाट (एनसीएलएटी) में एनसीएलटी के आदेश को चुनौती दी कि विमान उसे लौटाए जाने चाहिए, क्योंकि रियायती अवधि शुरूहोने से पहले ही लीज समझौता समाप्त हो गया था।

 

First Published : April 8, 2024 | 11:04 PM IST