हवाई अड्डों, राजमार्गों, ऊर्जा उत्पादन और शहरों में आधारभूत ढांचों के विकास के लिए काम करने वाली जीएमआर इन्फ्रास्टक्चर इक्विटी शेयर या परिवर्तनीय ऋणपत्र (डिबेंचर) या विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉण्ड के जरिए धन उगाहने की योजना बना रही है।
कंपनी इस संबंध में जरूरी प्रस्ताव पारित होने की उम्मीद कर रही है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हालांकि उगाहे जाने वाले धन का ब्यौरा देने से मना कर दिया। उसके मुताबिक, ”हमारे सभी मौजूदा परियोजनाओं के लिए धन का इंतजाम हो चुका है।
लेकिन भविष्य की योजनाओं के लिए धन का इंतजाम करने की खातिर आगामी 9 मई को शेयरधारकों की मंजूरी ली जाएगी।” जीएमआर इन्फ्रास्टक्चर का कर्ज करीब 10,000 करोड़ रुपये हो चुका है। यह कंपनी न केवल नई दिल्ली हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण कर रही है बल्कि हैदराबाद में नए हवाई अड्डे का निर्माण भी कर रही है।
प्रवर्तकों की कंपनी में करीब 75 फीसदी हिस्सेदारी है और 117 रुपये प्रति शोयर के हिसाब से प्रवर्तकों का हिस्सा लगभग 15,000 करोड़ रुपये का आंका जा रहा है। फिलहाल कंपनी का बाजार पूंजीकरण 21,000 रुपये है।
शेयरों की कम कीमत का फायदा उठाने के लिहाज से कंपनी के प्रवर्तकों ने पिछले 6 महीनों के दौरान अपनी हिस्सेदारी 70 से बढ़ाकर 75 फीसदी कर लिया। प्रवर्तक कंपनी जीएमआर होल्डिंग्स ने अपनी करीब 19 फीसदी हिस्सेदारी भी गिरवी रखी है। जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 1 अरब डॉलर क्यूआईपी इश्यू के जरिए उगाहे थे।
