कंपनियां

GAIL ने Shell के साथ मिलाया हाथ, ईथेन और अन्य हाइड्रोकार्बन के आयात की संभावनाएं तलाशेंगे

Published by
शुभायन चक्रवर्ती
Last Updated- March 17, 2023 | 10:49 PM IST

गेल (इंडिया) ने ईथेन और अन्य हाइड्रोकार्बन के आयात की संभावनाएं तलाशने के लिए शेल एनर्जी इंडिया के साथ समझौता किया है। इसका इस्तेमाल मुख्य तौर पर पेट्रोकेमिकल कच्चे माल के तौर पर किया जाता है और यह कई विकसित गैस क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस के अन्य घटकों से अलग होता है।

गेल ने शुक्रवार को घोषणा की कि अपने पेट्रोकेमिकल संयंत्र के लिए कच्चे माल में विविधता लाने के प्रयास में भारत की सबसे बड़ी गैस कंपनी मजबूत निर्यात टर्मिनल ढांचे से संपन्न ईथेन-अ​धिशेष देशों से ईथेन आयात की संभावना तलाश रही है। इसकी ढुलाई गेल की 14,830 किलोमीटर लंबी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के जरिये
की जाएगी।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी अपने पेट्रो रसायन संयंत्रों में प्राकृतिक गैस और नाफ्था की जगह ईंधन के तौर पर इस्तेमाल के लिए अमेरिका से ईथेन आयात शुरू किया है। शेल गैस की मदद से उत्तर अमेरिका में ईथेन का बड़े पैमाने पर उत्पादन होने का अनुमान है।

सड़क परिवहन के लिए प्रमुख रसायन और पेट्रोरसायन, एलएनजी, आयातित तरलीकृत प्राकृतिक गैस और अक्षय ऊर्जा के पुन: गैसीकरण की प्रक्रिया भी इस समझौते के दायरे में हैं।

ईथेन का इस्तेमाल मुख्य तौर पर ए​थिलेन बनाने में किया जाता है, इसके अलावा पेट्रोकेमिकल उद्योग द्वारा कई तरह के संबद्ध उत्पाद के निर्माण में इसका इस्तेमाल होता है, जिनमें से ज्यादातर प्ला​स्टिक, पैकेजिंग फिल्म, वायर कोटिंग, सिंथेटिक रबर में तब्दील किए जाते हैं।

First Published : March 17, 2023 | 10:49 PM IST