ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ साझेदारी को विस्तार दिया है जिसका मकसद कृषि समुदायों को बाजार तक पहुंच और वृद्घि के लिए सक्षम बनाना है। साथ ही इसका उद्देश्य मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म पर मुख्य कृषि उपज तक पहुंच को बढ़ावा देना है।
इन साझेदारियों के जरिये फ्लिपकार्ट अपने प्लेटफॉर्म पर दलहन, प्रमुख कृषि उपजों और साबुत मसालों को स्थान देती रही है जिससे किसान समुदाय की हजारों आजीविकाओं पर प्रभाव पड़ रहा है।
ई-कॉमर्स और तकनीक के माध्यम से बने आय के इन नए जरियों से किसानों की आमदनी बढ़ी है और उनके कारोबार की वृद्घि में इनसे मदद मिली है।
फ्लिपकार्ट में ग्रॉसरी खंड की उपाध्यक्ष स्मृति रविचंद्रण ने कहा, ‘विगत वर्ष में हमने किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ साझेदारी पर अपने ध्यान को बढ़ाया है और इन कृषि समुदायों को अपनी पेशकशों को बढ़ाने तथा आज ई-कॉमर्स और तकनीक की शक्ति से लाभान्वित होने में मदद कर रहे हैंं।’
फ्लिपकार्ट ने बिहार के पूर्णिया में अरण्यक एग्री प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, गुलबर्गा में एनचेट्टी एफपीसीएल, निसग्र फामर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड और अनंतपुर में सत्य साई फार्मर फेडरेशन के साथ काम कर रही है। फ्लिपकार्ट ने आंध्र प्रदेश महिला अभिवृद्घि सोसाइटी (एपीएमएएस), द्वारा, फाउंडेशन ऑफ डेवलपमेंट ऑफ रूरल वैल्यू चेंस (एफडीआरवीवी), सहजा अहाराम प्रोड्यूसर कंपनी (एसएपीसीओ), सम्मुनति और वृत्ति जैसे सामाजिक क्षेत्र के संगठनों के साथ भी साझेदारी की है जिसका मकसद उनके नेटवर्कों में एफपीओ की संलग्नता को बढ़ाना है।
रविचंद्रण ने कहा, ‘हमारे समर्पित पहल से उच्च गुणवत्ता वाले अनाज, दलहन और मसाले हमारे मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म पर मुहैया कराए जा रहे हैं जिसके बदले में देश भर में किसान समुदायों को बाजार के बड़े अवसर हासिल हो रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम इस गहरी संलग्नता के निर्माण कार्य को जारी रखना चाहते हैं जो देश भर के लाखों किसानों और अवसर से वंचित समुदायों की आजीविका को सकारात्मक रूप में प्रभावित करता है और उनकी आमदनी में इजाफा करता है।’
अपने मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म पर उच्च गुणवत्ता के मानकों को बनाए रखने के लिए फ्लिपकार्ट अपने पैकिंग और प्रसंस्करण केंद्रों (क्षेत्री पैकेजिंग केंद्रों) के लिए एफपीओ का दौरा करने की व्यवस्था करती रहती है। यह व्यवस्था देश के तमाम क्षेत्रों में की जाती है जिससे उत्पाद की गुणवत्ता और खाद्य की सुरक्षा को लेकर ग्राहक की उम्मीदों को समझने में मदद मिलती है।
फाउंडेशन फॉर डेवलपमेंट ऑफ रूरल वैल्यू चेंस (एफडीआरवीसी) के मुख्य कार्याधिकारी आलोक डे ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय और टाटा ट्रस्ट्स की संयुक्त पहल के तौर पर एफडीआरवीवी महिला किसानों को सक्षम बनाने पर ध्यान दे रहा है जिससे कि उनके कृषिगत और गैर-कृति उत्पादों के लिए सक्षम बाजार संपर्कों का निर्माण किया जा सके।