बाबा कल्याणी समूह की फर्म कल्याणी इन्वेस्टमेंट कंपनी (केआईसीएल) और हिकल के प्रवर्तकों सुगंधा और जय हीरामठ ने पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे पर दिवंगत बैंकर एन वाघुल के 2023 के पत्र को रोके रखने का एक दूसरे पर आरोप लगाया है। हीरामठ ने कहा कि केआईसीएल पहले इस पत्र का खुलासा करने में नाकाम रही और अब आधारहीन आरोप लगाने के लिए इस पत्र की बातों की गलत व्याख्या कर रही है। बाबा कल्याणी की छोटी बहन सुगंधा हीरामठ पारिवारिक संपत्ति को लेकर लड़ रही है।
दूसरी ओर केसीआईएल अपने रुख पर कायम है कि वाघुल का पत्र कथित तौर पर हीरामठ ने अपने पास इस इरादे से रखा कि वह केआईसीएल और हिकल की प्रतिभूतियों का झूठा बाजार खड़ा कर सके। केसीआईएल के पत्र में आरोप लगाया गया है कि वाघुल का 2023 का पत्र उस पारिवारिक समझौते के अस्तित्व को नकारता है जो दिवंगत संस्थापक एन ए कल्याणी और बाबासाहब कल्याणी के बीच हिकल के शेयरों को लेकर हुआ था। हिकल को केएसआईएल के पत्र में कहा गया है कि ये खुलासे भ्रामक और गलत हैं और सेबी के 2015 के नियमन का घोर उल्लंघन हैं।
इस विवाद की जड़ें 1993 व 1994 के पारिवारिक करार में हैं जिसमें कंपनियों (भारत फोर्ज, कल्याणी स्टील और कल्याणी फोर्ज समेत) के शेयरों के वितरण और बाबा कल्याणी के पास रहे हिकल के शेयरों का अपनी बहन सुगंधा को हस्तांतरित करने की बात है। सुंगंधा का आरोप है कि बाबा ने इन करारों का उल्लंघन किया और परिवार की संपत्ति के बारे में उन्हें गुमराह किया।
केएसआईएल के पत्र में कहा गया है कि उपरोक्त हालात में हम आपसे पूरा, सटीक और सही खुलासा करने की मांग कर रहे हैं कि 16 जून, 2023 के वाघुल के पत्र का खुलासा स्टॉक एक्सचेंजों को करने के लिए जरूरी कदम उठाएं। इसमें नाकाम होने पर हम हिकल के खिलाफ जरूरी कानूनी उठाएंगे।