इंडिया एनर्जी वीक कार्यक्रम के इतर अदाणी टोटाल प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ सतिंदर पाल सिंह ने शुभायन चक्रवर्ती को साक्षात्कार में बताया कि भारत का सबसे नया और पूर्वी तट का एकमात्र टर्मिनल धामरा एलएनजी टर्मिनल ऊर्जा गंगा और इंद्रधनुष गैस ग्रिड से लाभान्वित होगा और इस क्षेत्र की सेवा करेगा। उन्होंने बताया कि वैश्विक बाजार में 2025 से पहले विशाल मार्केट तैयार होगा। उन्होंने तर्क दिया कि टर्मिनल्स का कम क्षमता में उपयोग अनिवार्य रूप से खराब नहीं है…
हमारी पूर्वोत्तर भारत में सबसे सस्ती अतिरिक्त क्षमता उपलब्ध है और इसका दीर्घावधि मार्जिन है। इस क्षेत्र में गैस की मांग तेजी से बढ़ेगी। तटस्थ रूप से कहें तो हम मांग को पूरी करने में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर होंगे।
धामरा एलएनजी में भविष्य के विस्तार के लिए पहले से ही निवेश कर दिया गया है। हमारे पास तीसरे टैंक के लिए पर्याप्त स्थान है। हमारी जेटी और पाइप लाइनें 10 टन प्रति साल (एमटीपीए) के लिए हैं। हमारे पास अतिरिक्त वेपराइजर और पॉवरट्रेंस के लिए पर्याप्त स्थान है। हम धामरा का विस्तार समुचित ढंग से कर सकते हैं। लिहाजा पाइपलाइन का विस्तार किया गया है। मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखाई देता है कि क्यों धामरा का शीघ्र विस्तार नहीं होना चाहिए।
भारत में गैस के आधारभूत ढांचे की कनेक्टिविटी बीते तीन महीनों के दौरान शानदार ढंग से बढ़ी है। ऊर्जा गंगा और इंद्रधनुष पाइप लाइन का विस्तार क्रमश पूर्वी और उत्तर पूर्व क्षेत्रों में हुआ है। अब हम दक्षिण और पश्चिम की ओर विस्तार कर रहे हैं। यह एक शानदार खबर है कि गैस ग्रिड तेजी से बढ़ रहे हैं।
हमें अधिक परिष्कृत खरीदार बनना होगा और इसके लिए भारत को आधारभूत ढांचा बढ़ाने की जरूरत है। यदि कोई सभी एलएनजी टर्मिनल्स की 100 प्रतिशत क्षमता का उपयोग करने का प्रयास कर रहा है तो इसका मतलब यह है कि वह एलएनजी बाजार का प्राइस टेकर है। टर्मिनल पर एलएनजी के इस्तेमाल से अधिक एलएनजी के स्रोत का मूल्य है। यह खराब बात नहीं है कि एलएनजी के आधारभूत ढांचे का पर्याप्त रूप से इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जब तक कि जो अतिरिक्त क्षमता विकसित की गई है, उसका स्मार्ट तरीके से इस्तेमाल किया जाए और स्रोत के वाणिज्यिक बढ़त का लाभ उठाया जाए। प्रमुख खरीदारों जैसे जापान और कोरिया में औसत इस्तेमाल की दर 30 से 35 प्रतिशत है।
यह साफ नहीं कहा जा सकता कि देर हुई है या नहीं। फिलहाल जो हो गया है, अब उस पर चर्चा करने का कोई फायदा नहीं है। यदि हमें देर हो भी गई है तो आज भी निर्णय लेने के लिए कोई बहाना नहीं है।