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वैश्विक मांग की चिंताओं से एनर्जी मार्केट पर दबाव !

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विवेट सुजन पिंटो
Last Updated- January 23, 2023 | 2:00 AM IST
मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने कंपनी परिणाम के बाद आयोजित बैठक में ऊर्जा की मांग पर वैश्विक आर्थिक विपरीत परिस्थितियों के प्रभाव के प्रति चेताया है।
कंपनी ने शुक्रवार को तीसरी तिमाही के  अपने परिणामों की घोषणा की थी, जिसमें उसने अपने शुद्ध लाभ में एक साल पहले की तुलना में 15 प्रतिशत गिरावट दर्ज की, जबकि इसके खुदरा, दूरसंचार और तेल एवं गैस कारोबारों से संचालित शुद्ध बिक्री में पिछले साल की तुलना में 17.4 प्रतिशत का इजाफा दर्ज हुआ।
फर्म ने कहा कि तेल से लेकर रसायन (ओ2सी) तक वाला आरआईएल का सबसे बड़ा कारोबारी खंड प्रदर्शन के लिहाज से मिला-जुला रहा, जिसमें तीसरी तिमाही के दौरान राजस्व में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, हालांकि क्रमिक रूप से 9.4 प्रतिशत की गिरावट आई। दूसरी ओर ओ2सी कारोबार के मामले में एबिटा एक साल पहले की तुलना में केवल 2.9 प्रतिशत ही बढ़ी, हालांकि क्रमिक रूप से इसमें 16.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
बढ़ती ब्याज दरों और संकुचित होते पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती मंदी की चिंताओं की ओर इशारा करते हुए कंपनी के प्रबंधन ने अपने परिणाम के बाद की बैठक में चेताया है कि भविष्य में ये कारक तेल की समग्र मांग को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
RIL के संयुक्त मुख्य वित्तीय अधिकारी श्रीकांत वेंकटचारी ने कहा कि हालांकि ईंधन और डाउनस्ट्रीम उत्पादों के लिए भारत की ऊर्जा मांग मजबूत बनी हुई है, लेकिन वैश्विक मांग में गिरावट आई है।
वेंकटचारी ने कहा ‘यूरोप, अमेरिका में मांग, मंदी की आशंका के कारण वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में कच्चे तेल के दामों में 12 प्रतिशत की गिरावट आई है।’ उन्होंने कहा कि हालांकि एशिया प्रशांत की ओर से मांग ने तेल-से-रसायन कारोबार (कंपनी के) मे ‘मिडल डिस्टिलेट क्रैक’ का समर्थन किया है।
मिडल डिस्टिलेट क्रैक का इस्तेमाल परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों (जैसे जेट ईंधन, डीजल) की उस श्रृंखला के लिए किया जाता है, जो कच्चे तेल को फ्रैक्शनल डिस्टिलेशन के जरिये इन घटकों में विभक्त करने से पैदा होते हैं।
वेंकटचारी ने यह भी कहा कि 2022 में एक ठहराव के बाद वर्ष 2023 में नई वैश्विक रिफाइनिंग क्षमताओं को जोड़ने से निर्यात मार्जिन में मदद मिलेगी। हालांकि मार्जिन में तेजी का रुख सीमित रहेगा।
एसऐंडपी ग्लोबल कमोडिटीज की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी एशिया और एशिया में बड़ी रिफाइनरियों सहित नई रिफाइनरियों की शुरुआत वर्ष 2023 में कच्चे तेल और उत्पाद व्यापार प्रवाह को बदल देगी।
First Published : January 23, 2023 | 2:00 AM IST