सत्यम को खरीदने वाली कंपनी टेक महिंद्रा ने सत्यम के वरिष्ठ कर्मियों से कहा है कि वह कंपनी को मुनाफे में लाने पर ध्यान दें।
सत्यम कर्मियों से कहा गया है कि वे अपनी योजनाओं पर काम करें, जबकि टेक महिंद्रा प्रबंधन की ओर से उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं होगा।
सत्यम अपने मौजूदा ग्राहकों में भरोसा बहाल करने के लिए काम कर रही है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी को ग्राहकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। कंपनी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ग्राहकों से मिलकर उनका भरोसा जीतने की कवायद अगले 6 महीने से लेकर एक साल तक किया जाएगा।
गौरतलब है कि रामलिंग राजू की ओर से फर्जीवाड़े का खुलासा करने के बाद से कई ग्राहकों ने कंपनी के साथ अपने अनुबंध का नवीनीकरण नहीं कर रहे हैं।
टेक महिंद्रा को मिले सत्यम के 31 फीसदी शेयर
सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज लिमिटेड ने मंगलवार को टेक महिंद्रा की सहायक इकाई वेंचरबे कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को 31 फीसदी शेयर देने की घोषणा की। वेंचरबे ने 20 अप्रैल को 1,756 करोड़ रुपये एसक्रो अकाउंट में जमा कराया था, जिसके तहत कंपनी को सत्यम के शेयर आवंटित किए गए।
सत्यम इस रकम का इस्तेमाल कर्ज भुगतान और अन्य जरूरतों पर करेगी। सेबी के नियमों के मुताबिक, वेंचरबे को अतिरिक्त 20 फीसदी शेयरों के लिए कैश टेंडर ऑफर लाना होगा, जिसके लिए न्यूनतम कीमत 58 रुपये प्रति शेयर होगी। टेक महिंद्रा की ओर से 20 फीसदी शेयरों के लिए 12 जून से 1 जुलाई के बीच ओपन ऑफर लाया जा सकता है।
ओपन ऑफर के तहत टेक महिंद्रा को करीब 1,154.66 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।
सीबीआई ने सौंपी आरोप पत्र की प्रति
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सत्यम कंप्यूटर में वित्तीय धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी बी. रामलिंग राजू समेत अन्य आरोपियों के वकीलों को स्थानीय अदालत में आरोपपत्र की प्रति सौंप दी। सीबीआई ने करोड़ों रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में 7 अप्रैल को आरोपपत्र दाखिल किया था।
14वें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोपपत्र की प्रति समेत गवाहों की सूची उनके रिकार्ड कराए गए बयान की प्रति और मूल दस्तावेजों की 1,532 प्रति समेत अन्य दस्तावेज 9 आरोपियों के वकीलों को सौंपे गए।
जिन दस्तावेजों की प्रति सौंपी गई है, वे 18 बड़े ट्रंक में बंद थे। बाद में बी रामलिंग राजू के वकील भरत कुमार ने मीडिया से कहा कि दस्तावेजों की प्रति सौंपे जाने के बाद अब सही मायने में कानूनी लड़ाई की शुरुआत होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई ने बिना जांच किए आरोपपत्र दाखिल किए थे।
