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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को फ्लिपकार्ट समर्थित मिंत्रा डिज़ाइंस प्राइवेट लिमिटेड (Myntra) के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत शिकायत दर्ज की है। यह मामला मिंत्रा, उसकी सहयोगी कंपनियों और निदेशकों पर ₹1,654 करोड़ के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) से जुड़ी कथित अनियमितताओं को लेकर दर्ज किया गया है।
एजेंसी के अनुसार, मिंत्रा और उससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ यह कार्रवाई FEMA की धारा 16(3) के तहत की गई है। ED को पुख्ता जानकारी मिली थी कि मिंत्रा ने भारत की एफडीआई नीति के विरुद्ध जाकर मल्टी-ब्रांड रिटेल व्यापार को “होलसेल कैश एंड कैरी” के रूप में प्रस्तुत किया।
यह मामला बेंगलुरु स्थित ED के ज़ोनल कार्यालय द्वारा दर्ज किया गया है और इसमें मिंत्रा, उसकी संबंधित कंपनियों और उनके निदेशकों को आरोपी बनाया गया है।
जांच में सामने आया कि मिंत्रा ने खुद को थोक कारोबारी के रूप में पेश करते हुए ₹1,654 करोड़ का विदेशी निवेश प्राप्त किया। हालांकि, यह सामान ज़्यादातर एक अन्य संबंधित कंपनी — वेक्टर ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड — को बेचा गया, जो खुद उपभोक्ताओं तक उत्पाद पहुंचा रही थी। यानी, B2B (मिंत्रा से वेक्टर) और फिर B2C (वेक्टर से ग्राहकों) का ढांचा बनाकर असल में मिंत्रा मल्टी-ब्रांड रिटेलिंग कर रही थी।
ED ने स्पष्ट किया कि वेक्टर ई-कॉमर्स का गठन केवल इस उद्देश्य से किया गया था ताकि खुदरा बिक्री को B2B दिखाकर नीतियों को दरकिनार किया जा सके। इसके अलावा, एफडीआई नियमों के अनुसार, ग्रुप कंपनियों को कुल बिक्री का अधिकतम 25% तक ही माल बेचा जा सकता है, जबकि मिंत्रा ने अपनी 100% बिक्री वेक्टर को की, जो उसी ग्रुप की कंपनी है।
यह उल्लंघन भारत सरकार द्वारा 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर 2010 को लागू किए गए एफडीआई नियमों का सीधा उल्लंघन है। साथ ही, यह FEMA की धारा 6(3)(b) का भी उल्लंघन माना गया है। ED ने अब इस पूरे मामले में विधिवत शिकायत FEMA की धारा 16(3) के तहत अधिकृत प्राधिकारी के पास दर्ज कर दी है।