23 मई को जेट एयरवेज की बोर्ड की एक अहम बैठक होनी है, जिसमें संभवत: कंपनी के कार्यकारी निदेशक सरोज के. दत्ता के भाग्य का फैसला होगा कि वे कंपनी में बने रहेंगे या नहीं।
दत्ता जेट एयरवेज के साथ इसकी शुरुआत से ही जुड़े हैं और एयरलाइंस इंडस्ट्रीज में पिछले 46 वर्षों से काम कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, दत्ता का कहना है कि वे 31 मई तक कंपनी के साथ जुड़े रह सकते हैं और इस बारे में पिछले हफ्ते जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल के साथ मुंबई में दत्ता की मीटिंग भी हुई थी।
हालांकि दत्ता के कंपनी को छोड़कर जाने की बात से जेट एयरवेज इनकार कर रही है। बिानेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में दत्ता ने बताया कि मैं इस इंडस्ट्री में पिछले 46 साल से काम कर रहा हूं, जहां तक जेट को छोड़कर जाने की बात है, तो मैं अफवाहों पर ध्यान नहीं देता।
हालांकि उन्होंने यह भी बताया था कि इस बारे में समय आने पर जरूर बात करूंगा। एयरलाइंस से जुड़े लोगों का कहना है कि कंपनी छोड़ने की वजह व्यक्तिगत हो सकती है। वैसे उन्होंने यह भी बताया कि दत्ता काफी समय से जेट के साथ काम कर रहे हैं।
कुछ माह पहले जेट के तीन वरिष्ठ एक्जिक्यूटिव कंपनी छोड़कर जा चुके हैं और उनकी जगह पर विशेषज्ञों को नियुक्त किया गया है, जिन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि दत्ता का कहना है- हम लोग एयरलाइंस के विकास और विस्तार के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
जेट ने हाल में सिंगापुर एयरलाइंस के पूर्व एक्जिक्यूटिव सुधीर राघवन को कार्ल सलधाना की जगह एक्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट (कॉमर्शियल) नियुक्त किया है। ओमान एयर के अब्दुलरहमान और फिनएयर के एम. वी. ल्यूडर्स को जेटलाइट का सीईओ नियुक्त किया गया है। मुरली रामचंद्रन की जगह भारतीय मूल के जयराज सिंगापुरिया को नियुक्त किया है। जेट में 799 विदेशी पायलट हैं, जबकि भारतीय पायलटों की संख्या करीब 200 ही है।
जेट-सेट-गो
जेट की शुरुआत से जुडे हैं कार्यकारी निदेशक सरोज के. दत्ता
23 मई को होने वाली बोर्ड बैठक में होगा फैसला, पद छोड़ेंगे या रहेंगे