टाटा समूह के साथ अपना चार वर्ष पुराना विवाद समाप्त करने के लिए शापूरजी पलोनजी (एसपी) समूह ने टाटा संस में अपनी 18.4 प्रतिशत छोडऩे की पेशकश की है। लेकिन इसके बदले उसने उसी अनुपात में टाटा समूह की सूचीबद्ध इकाइयों में हिस्सेदारी मांगी है। उच्चतम न्यायालय में सौंपे दस्तावेज के अनुसार मिस्त्री समूह ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) में 13.3 प्रतिशत हिस्सेदारी सहित टाटा की सभी सूचीबद्ध कंपनियों में सीधी हिस्सेदारी मांगी है। समूह ने यह भी कहा कि उसकी हिस्सेदारी के अनुपात में ही सभी सूचीबद्घ कंपनियों में उसे नकदी या शेयर के रूप में टाटा ब्रांड का हिस्सा दिया जाए। समूह ने शुद्ध कर्ज के समायोजन के बाद गैर-सूचीबद्घ इकाइयों का मूल्यांकन किसी तटस्थ तीसरे पक्ष से करवाने की मांग की है।
एसपी समूह ने कहा कि नकदी के बगैर समाधान के लिए उसे टाटा की सभी सूचीबद्घ कंपनियों में हिस्सेदारी चाहिए, जिनमें अभी टाटा संस की हिस्सेदारी है। यह हिस्सेदारी उसे टाटा संस में अपनी हिस्सेदारी के अनुपात में ही चाहिए। समूह ने कहा, ‘उदाहरण के लिए टीसीएस के 72 प्रतिशत शेयर टाटा संस के पास हैं और टाटा संस में एसपी समूह की 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस लिहाज से टीसीएस में एसपी समूह की हिस्सेदारी 13.22 प्रतिशत बनती है।’
एसपी समूह ने कहा कि शुद्घ कर्ज घटाने के बाद टाटा ब्रांड की जो भी कीमत निकलती है, उसमें नकदी या सूचीबद्घ प्रतिभूतियों के रूप में उसे उतनी ही हिस्सेदारी दी जा सकती है, जितनी हिस्सेदारी उसकी टाटा संस में है। उसने कहा कि गैर-सूचीबद्घ कंपनियों की कीमत दोनों पक्षों द्वारा तय मूल्यांकनकर्ता से जल्द से जल्द कराया जाना चाहिए। पिछले मूल्यांकन के समय टाटा ब्रांड की कीमत 20 अरब डॉलर आंकी गई थी।
मिस्त्री समूह ने कहा कि यह प्रस्ताव जल्द से जल्द लागू हो सकता है और यह दोनों के लिए फायदेमंद है क्योंकि इससे समूह का नियंत्रण टाटा संस के पास रहेगा और वह समूह कंपनियों की प्रवर्तक बनी रहेगी। साथ ही हिस्सेदारी पर भी उसका ज्यादा नियंत्रण रहेगा। समूह ने कहा, ‘अगर टाटा संस कुछ खास कंपनियों में हिस्सेदारी कम नहीं करना चाहती है तो एसपी समूह नकदी या टीसीएस के शेयरों पर मान सकता है।’ एसपी समूह ने कहा कि यही योजना टाटा समूह की दूसरी सूचीबद्ध कंपनियों के साथ भी लागू की जा सकती है, जिनके पास टाटा संस के शेयर हैं।
एसपी समूह द्वारा सौंपे दस्तावेज में कहा गया है कि मिस्त्री के निकलने के बाद टाटा ट्रस्ट्स की हिस्सेदारी 66 प्रतिशत से बढ़कर 100 प्रतिशत हो जाएगी। टाटा की सूचीबद्ध कंपनियों की टाटा संस में 13 प्रतिशत हिस्सेदारी है और बाकी हिस्सेदारी छोटे शेयरधारकों के पास है। टाटा समूह पहले कह चुका है कि मिस्त्री के समाधान प्रस्ताव का जवाब अदालत में दिया जाएगा।