आईटी कंपनियों के लिए मांग परिदृश्य अनिश्चित

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 8:10 PM IST

कोविड-19 महामारी के बाद कमजोर निवेशक धारणा से प्रभावित हुए आईटी कंपनियों के शेयरों ने अपने मार्च के निचले स्तरों से शानदार वापसी की है।
टीसीएस, इन्फोसिस, एचसीएल टेक, और विप्रो के शेयरों में 23 मार्च से 25-36 प्रतिशत के बीच तेजी आ चुकी है। टेक महिंद्रा (टेकएम) मार्च तिमाही में अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन के बाद अब 13 प्रतिशत तक मजबूत हो चुका है। कई प्रमुख आईटी शेयर अब अपने 1 वर्षीय ऐतिहासिक मूल्यांकन से ऊपर कारोबार कर रहे हैं। हालांकि इस सुधार के लिए काफी हद तक प्रमुख सूचकांकों (समान अवधि के दौरान निफ्टी 29 प्रतिशत तक बढ़ा है) में तेजी को माना जा सकता है, लेकिन साथ ही अनुकूल रिस्क-रिवार्ड परिदृश्य से भी धारणा में बदलाव लाने में मदद मिली है। हालांकि कुछ विश्लेषकों के अनुसार, वृद्घि और आय को लेकर अनिश्चितता से जोखिम पैदा हो गया है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषक अमित चंद्रा ने कहा, ‘प्रमुख आईटी कंपनियों के वैल्यूएशन मल्टीपल में तेजी चुनौतीपूर्ण दिख रही है। इसके बजाय, वृद्घि और आय में सुधार की कंपनियों की क्षमता बेहद महत्वपूर्ण होगी। हालांकि मांग परिवेश सुस्त और अनिश्चित बना हुआ है।’
प्रभुदास लीलाधर के अनिकेत पांडे को रेटिंग में गिरावट की आशंका है। उन्होंने एक रिपोर्ट में कहा, ‘हमें विश्वास है कि समन्वित प्रयासों, मजबूत बैलेंस शीट और मुक्त नकदी प्रवाह के बावजूद आईटी मल्टीपल की रेटिंग में कुछ कमी आ सकती है, क्योंकि इन कंपनियों को वृद्घि से जुड़ी अनिश्चितताका सामना करना पड़ रहा है।’ वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही में इस क्षेत्र का प्रदर्शन कोविड के साथ साथ मांग पर दबाव की वजह से प्रभावित होगा। मांग पर दबाव हालांकि वित्त वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में भी चुनौती पैदा करेगा। कुछ ही सौदे मिलने, मौजूदा सौदों की तेजी पर विराम, और कीमत कटौती ऐसी प्रमुख चिंताएं हैं जो कमजोर मांग, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दबाव की वजह से देखने को मिली हैं। कुछ विश्लेषकों के अनुसार, ग्राहकों की वृद्घि और घरेलू आईटी कंपनियों के बीच बड़ा संबंध (85-90 प्रतिशत) है। इससे 1.5-2 तिमाहियों के अंतर के साथ ऑर्डर प्रवाह प्रभावित हुआ है, हालांकि यह प्रभाव सभी कंपनियों के लिए अलग अलग होगा।
बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई), रिटेल, और निर्माण जैसे क्षेत्रों को व्यवसाय में गिरावट, ऊंचे कर्ज, और घटती मांग के संदर्भ में दबाव का सामना करना पड़ रहा है। इससे इन क्षेत्रों में ग्राहकों द्वारा डिस्क्रेशनरी/आईटी खर्च पर नियंत्रित होगा। टेकएम को छोड़कर प्रमुख घरेलू आईटी कंपनियों के राजस्व में इन खर्च का 57-68 प्रतिशत योगदान रहा है। हालांकि ज्यादातर कंपनियों ने चौथी तिमाही में मजबूत ऑर्डर प्रवाह दर्ज किया, लेकिन सौदों के क्रियान्वयन में कुछ विलंब होने की आशंका है, क्योंकि ग्राहक अनिश्चित समय को देखते हुए हाथ में नकदी बनाए रखना चाहते हैं।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के चंद्रा का कहना है कि इससे राजस्व वृद्घि प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो सकती है, क्योंकि नए सौदे ही अतिरिक्त राजस्व वृद्घि के लिए योगदान दे रहे हैं। घरेलू व्यवसाय पर भी मंदी दिखने की आशंका है। जहां मौजूदा ग्राहकों से सौदों के नवीकरण का कुल राजस्व में करीब 90 प्रतिशत योगदान है, वहीं बिक्री के संदर्भ में कंपनियों को कम मूल्य निर्धारण का सामना करना पड़ सकता है।

First Published : June 4, 2020 | 11:46 PM IST