एयर डेक्कन अब कार्गो एयरलाइन शुरू करने जा रही है। सस्ती यात्रा सुविधाएं मुहैया कराने वाली इस विमान कंपनी ने अपनी सारी तैयारियां लगभग पूरी कर ली है। अनुमान है कि यह कार्गो सेवा इसी मई से शुरू हो जाएगी।
एयर डेक्कन के मुताबिक, तीन एयरबस-310 कार्गो विमानों की पहली खेप अप्रैल के पहले हफ्ते में मिल जाएगी। अभी नागपुर में वेयरहाउस सुविधा का निर्माण अंतिम चरण में है। एयर डेक्कन के मुताबिक इससे पहले ही कार्गो विमान सेवा की शुरुआत कर दी जाएगी। इसे दुबई-मुंबई-दिल्ली-हांगकांग एक्सप्रेस रूट पर शुरू किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि यह रूट सिर्फ कार्गो विमानों के लिए ही उपलब्ध है। इन अंतरराष्ट्रीय शहरों में कार्गो सेवा देने वाली एयरलाइंस इसी रूट का सहारा लेती हैं। एक्सप्रेस लाइन पर बड़े कार्गो विमानों के लिए एक निश्चित समय निर्धारित होता है। एयर डेक्कन के संस्थापक जी. आर. गोपीनाथ ने बताया कि अभी वेयरहाउस और आईटी सुविधा को स्थापित होने में थोड़ी देर होगी।
डेक्कन एक्सप्रेस लॉजिस्टिक्स ने नागपुर में कई तरह की लॉजिस्टिक्स सुविधाएं मुहैया कराने के लिए मल्टी मोडल इंटरनेशनल हब एयरपोर्ट ऐट नागपुर (एमआईएचएएन; मिहान) से समझौता किया है। इस तरह डेक्कन कार्गो को अब देश के कार्गो कारोबार के स्थापित खिलाड़ियों ब्लू डार्ट, गति, टीएनटी एक्सप्रेस और फर्स्ट फ्लाइट से दो-दो हाथ करना पड़ेगा।
छोटे शहरों से भी यात्री विमान सेवाएं शुरू करने के लिए मशहूर गोपीनाथ अपने उसी अनुभव को कार्गो कारोबार में अपनाना चाहते हैं। उन्होंने बताया, ”जब कोई कार्गो विमान मुंबई में उतरता है तो वहां से भीतर के केंद्रों तक पहुंचने में एक हफ्ता लगता है। नागपुर में इस तरह का केंद्र बन जाने से महज रात भर में देश के 60 शहरों से जुड़ना संभव हो जाएगा।”
डेक्कन कार्गो एयरलाइंस के लिए ‘हब ऐंड स्पोक मॉडल’ का अनुसरण करेगी। छोटे शहरों से कार्गो संग्रह का काम जहां प्रोपजेट के जरिए किया जाएगा, वहीं देश के कई बड़े शहरों के साथ दुबई, हांगकांग सहित कई अन्य अंतरराष्ट्रीय शहरों से एयरबस-310 के जरिए यह काम किया जाएगा।
भारत की बात करें तो देश में केवल छह कार्गो विमान (ब्लू डार्ट के पास) ही हैं। यूरोप में 120 कार्गो विमान हैं। कार्गो एयरलाइंस गोपीनाथ की तीसरी विमानन परियोजना होगी।
