डाबर फार्मा बनी रहेगी शेयर बाजार में

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 11:00 PM IST

जर्मनी के स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े समूह फ्रेसेनियस एसई के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी फ्रेसेनियस काबी ने कहा कि नई अधिग्रहित कंपनी डाबर फार्मा को स्टॉक एक्सचेंज से हटाने की उसकी कोई योजना नहीं है और वह इस भारतीय कंपनी के विस्तार में निवेश करने वाली है।


बड़ी हिस्सेदारी


फ्रेसेनियस ने कैंसर के इलाज की दवा बनाने वाली कंपनी डाबर फार्मा में लगभग 880 करोड़ रुपये में या 76.50 रुपये प्रति शेयर की दर से नकद में 73.3 प्रतिशत हिस्सेदारी शनिवार को खरीद ली है।कंपनी अपनी इच्छानुसार कंपनी का और 20 प्रतिशत हिस्सा भी 76.50 रुपये प्रति शेयर की दर से खरीद सकती है।


मंजूरी की दरकार


इस अधिग्रहण को नियामक मंजूरी मिलने के 4-6 हफ्ते के भीतर शेयरों की खरीद-फरोख्त होने की उम्मीद है।फ्रेसेनियस काबी के अध्यक्ष रैनर बाउले का कहना है, ‘अगर आपको बाजार में अधिक उत्पाद चाहिए तो आपको क्षमताओं में निवेश करने की जरूरत है। हमारी क्षमता संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए हम कोई भी व्यय करेंगे।’ रैनर ने भविष्य में डाबर फार्मा में निवेश के आंकड़ों का खुलासा नहीं किया।


कंपनी का इरादा


हालांकि फ्रेसेनियस शेयरों की कीमत में कोई इजाफा नहीं करेगी, बेशक शेयर प्रीमियम पर भी कारोबार कर रहा होग। बाउले का कहना है, ‘हमें लगता है कि 76.5 रुपये की कीमत काफी ठीक है। हमारी कीमत में बढ़ोतरी की कोई मंशा नहीं है और न ही हम यह करेंगे।’


उन्होंने कहा कि अगर निवेश को आगे बढ़ाने पर डाबर फार्मा में फ्रेसेनियस काबी की  हिस्सेदारी 90 प्रतिशत से अधिक हो जाती है तो कंपनी सूचीबध्द आवश्यकताओं को पूरा करने के चलते, डाबर फार्मा में अपनी हिस्सेदारी का कुछ भाग बाजार में बेच देगी, ताकि डाबर फार्मा स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबध्द रह सके और कंपनी को इसका मुनाफा आगे भी मिलता रहे।
 
अधिग्रहण का फायदा


फे्रसेनियस समूह की इस कंपनी का कहना है कि डाबर फार्मा के अधिग्रहण से कंपनी मरीज-विशेष को ध्यान में रखते हुए कैंसर इलाज के लिए थेरेपी और दवाओं की सुविधा दे पाएगी और साथ ही इससे कंपनी बाजार में अपने विस्तरित दवा पोर्टफोलियो का आनंद उठा सकेगी।


डाबर की भारत और ब्रिटेन में एक-एक उत्पादन इकाई है। साथ ही कंपनी का नई दिल्ली के नजदीक गाजियाबाद में अनुसंधान एवं विकास केन्द्र है। कंपनी इस पर ज्यादा निवेश कर रही है।

First Published : April 22, 2008 | 12:02 AM IST