कई देशों में फैले एच1एन1 इन्फ्लुएंजा (स्वाइन फ्लू) के खौफ को इंटरनेट की दुनिया के जालसाज भी भुनाने में लगे हैं।
इन दिनों कइयों को ऐसे ईमेल मिल रहे हैं, जिसमें गलत जानकारी देकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। ऐसे ईमेलों में लिखा होता है-‘सलमा हायक हुईं स्वाइन फ्लू की शिकार!’, ‘मैडोना को भी स्वाइन फ्लू ने दबोचा’, ‘अमेरिका में स्वाइन फ्लू के आंकड़े’ और ‘हॉलीवुड पहुंचा स्वाइन फ्लू’।
ऑनलाइन फार्मेसी का इस्तेमाल करने वालों लोगों को इन सेलिब्रिटियों का हवाला देकर गुमराह किया जा रहा है। ऑनलाइन सिक्योरिटी कंपनी मैकेकेफी एवर्ट लैब्स के मुताबिक, जब से यह मामला सामने आया है तब से 2 फीसदी स्पैम ईमेलों में ऐसी ही बातें हैं। ऐसे ईमेल में निजी जानकारी चुराने वाले सॉफ्टवेयर भी भेजे जा रहे हैं।
सिक्योरिटी फर्म सोनिवकवाल के मुताबिक, एक ईमेल जिसमें स्वाइन फ्लू के टीके के बारे में जानकारी देने का दावा किया गया है, का लिंक मैक्सिको की एक वेबसाइट से है। उसमें एक ऐसा फाइल जुड़ा है जिसके जरिए बैंक अकाउंट की लॉग-इन सूचना चोरी की जा रही है।
एक अन्य सिक्योरिटी कंपनी एफ-सिक्योर कॉर्प ने बताया है कि स्वाइन फ्लू के खुलासे के कुछ ही दिनों में 250 से ज्यादा वेबसाइटों का पंजीकरण स्वाइन फ्लू के नाम से किया गया। उदाहरण के लिए नोस्वाइनफ्लूडॉटकॉम, सर्वाइवस्वाइनफ्लूडॉटकॉम और पिगफ्लूफाइटरडॉटकॉम। इन साइटों का दावा है कि वह इस इन्फ्लूएंजा से निजात दिलाती है।
नोसवाइनफ्लू को लें तो इसका दावा है कि उसके पास चीन और पश्चिमी देशों की ऐसी जड़ी-बूटी है, जिससे इस बीमारी के सारे लक्षण रातोंरात खत्म हो जाते हैं। पिगफ्लूफाइटर तो 190 डॉलर में 160 पिगफ्लू मास्क बेच रही है।
अमेरिका की फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने भी लोगों को ऐसे ईमेलों से सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है। उसके मुताबिक, स्वाइन फ्लू से संबंधित सूचनाएं, इलाज या सामान के बारे में बताने वाले ईमलों और वेबसाइटों से सतर्क रहें।
एफडीए ने लोगों से ऐसी साइटों के बारे में सूचना मुहैया कराने की अपील की है ताकि ऐसी साइटों पर तत्काल नकेल कसी जा सके। द बेटर बिजनेस ब्यूरो ने भी उपभोक्ताओं को स्वाइन फ्लू का इस्तेमाल करते हुए धोखाधड़ी करने वाले ईमेलों और वेबसाइटों से सतर्क रहने को कहा है।
एफडीए के मुताबिक, ऐसी साइटों के संचालक एच1एन1 वायरस से बचने की लोगों की कोशिश का दुरुपयोग कर रहे हैं। हालांकि इसके बावजूद इंटरनेट वायरस से बचने की तमाम तरह की जानकारियां मुहैया करने में भी सफल हो रहा है।
विकीपीडिया का फ्लू पर पेज तो इस हफ्ते सैकड़ों बार संशोधित किया जा चुका है। फेसबुक पर फ्लू से संबंधित कई समूह बन चुके हैं। सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल भी कई ऑनलाइन चैनलों के जरिए लोगों को इस वायरस से बचने के उपाय बता रहा है।
