आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड के MS और CEO दीपक मेहरोत्रा
आकाश एजूकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (एईएसएल) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) दीपक मेहरोत्रा को बाहर घूमना पसंद है और उन्होंने अंटार्कटिका की यात्रा की योजना बनाई थी। हालांकि एफएमसीजी, दूरसंचार और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में 35 साल का लंबा अनुभव रखने वाले मेहरोत्रा ने अपनी यात्रा योजनाएं फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल रखी हैं।
वह अपना पूरा ध्यान नई जिम्मेदारी पर दे रहे हैं, जो उन्होंने अप्रैल 2024 में आकाश में संभाली है। वे एडटेक उद्योग में संकट और आकाश की निवेशक बैजूस के दिवालिया संकट के बीच फर्म में परिचालन का कायाकल्प करने के मिशन पर हैं। इसके लिए मेहरोत्रा ने आकाश 2.0 स्ट्रैटजी पर जोर दिया है जिसमें कंपनी के परिचालन का दायरा बढ़ाना, दक्षता लाना और हाइब्रिड लर्निंग केंद्रों की स्थापना शामिल है।
मेहरोत्रा ने कहा, ‘मैं यात्रा का शौकीन हूं और मुझे अभी अंटार्कटिका की अपनी यात्रा करनी है। आदर्श रूप से, मैं आकाश के साथ अपनी प्रतिबद्धताओं के बाद ऐसा करना चाहूंगा।’
पिछले डेढ़ साल में आकाश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, विशेषकर इस साल, जब नीट परीक्षा परिणामों की अंतिम घोषणा और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के कारण प्रक्रिया लंबी खिंच गई थी।
मेहरोत्रा ने कहा कि इससे नामांकन चक्र लंबा हो गया, जिससे न केवल छात्रों बल्कि कंपनी की भी चिंता बढ़ गई। हालांकि, कुल मिलाकर यह साल आकाश के लिए अच्छे वर्षों में से एक रहा। मेहरोत्रा ने कहा कि फर्म का प्रदर्शन मजबूत रहा है, शीर्ष-100 रैंकों में से लगभग 35-37 प्रतिशत रैंक आकाश के छात्रों ने हासिल की है।
वर्ष 2021 में बैजूस (थिंक ऐंड लर्न) ने करीब 1 अरब डॉलर के नकद और शेयर सौदे में 35 वर्ष पुराना कोचिंग सेंटर एईएसएल खरीदा था। हालांकि बैजूस (जिसका मूल्यांकन 2022 में 22 अरब डॉलर था) विभिन्न नियामकीय मसलों और निवेशकों के साथ विवादों के कारण मुसीबत में फंसती गई, जिससे आखिरकारफर्म दिवालिया में पहुंच गई।
थिंक एंड लर्न (बैजूस) की स्थिति के बारे में मेहरोत्रा ने कहा कि आकाश अब एक अलग इकाई है। उन्होंने कहा कि बैजूस से संबंधित हालिया घटनाक्रम का आकाश के 2.0 परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए।
मेहरोत्रा ने कहा, ‘हम अब एक स्वतंत्र कंपनी हैं और स्वामित्व तथा अपने पूंजी ढांचे में हाल के बदलावों की वजह से बैजूस की सहायक इकाई नहीं रह गए हैं। इस बदलाव का मतलब है कि हम पूरी तरह से एक अलग इकाई के रूप में अपनी पहचान पुन: बनाने की प्रक्रिया में हैं। इस संदर्भ में, जो बदलाव किए जा रहे हैं, वे आकाश 2.0 का हिस्सा हैं।’