भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने जांच के सिलसिले में इंडिगो से जानकारी मांगी है। सूत्रों के अनुसार दबदबे के गलत इस्तेमाल के संबंध में नियामक को प्राप्त सूचना के आधार पर यह विवरण मांगा गया है।
सूत्रों ने कहा कि सीसीआई की इस जांच में विमानन कंपनी के ऐसे शोषण वाले बर्ताव पर गौर किए जाने के आसार हैं, जिससे हाल ही में उड़ानों में रुकावटों के बाद कीमतें बढ़ने से ग्राहकों को काफी नुकसान हुआ होगा। प्रतिस्पर्धा अधिनियम के तहत दबदबे का दुरुपयोग अलग तरह के और शोषणकारी आचरण पैदा कर सकता है। समझा जाता है कि इंडिगो मामले में यह जांच शोषणकारी आचरण पर केंद्रित होने के आसार हैं।
शिकायतकर्ता एक उपभोक्ता है। उसने आयोग को उड़ान रद्द होने के कारण टिकट की बुकिंग मूल लागत से 2.5 गुना अधिक होने के बारे में अपना निजी अनुभव बताया है।
सूत्रों ने कहा कि अलबत्ता एकाधिकार व्यापाररोधी नियामक इस मसले पर केवल एक ग्राहक के नजरिये से नहीं, बल्कि उपभोक्ताओं के व्यापक हित के नजरिये से विचार करेगा। सूत्र ने कहा, ‘अगर कंपनी आपूर्ति सीमित कर रही है और फिर कीमतों में बढ़ोतरी कर रही है, तो यह प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 4 के तहत विचार किए जाने वाला मसला है।’अधिनियम की धारा 4 दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग रोकती है। यह अधिनियम अपने से दबदबे को प्रतिबंधित नहीं करता है, लेकिन अनुचित या कीमतें घटाकर फिर बढ़ाकर शोषण करने पर आयोग जुर्माना लगा सकता है।
इस बात की संभावना नहीं है कि सीसीआई उड़ान ड्यूटी की समयसीमा (एफडीटीएल) से संबंधित मसलों पर विचार करेगा, जो कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) का क्षेत्र है। सीसीआई ने 18 दिसंबर को संक्षिप्त बयान में कहा था कि उसने हाल में विभिन्न मार्गों पर उड़ानों में हुए व्यवधानों को लेकर इंडिगो के खिलाफ की गई शिकायतों पर संज्ञान लिया है
सीसीआई पहले प्राप्त जानकारी के आधार पर शुरुआती जांच करेगा और फिर निष्कर्षों के आधार पर महानिदेशक कार्यालय को औपचारिक जांच शुरू करने का निर्देश देगा।