Reliance-Disney Merger: भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और वॉल्ट डिज़्नी, दोनों कंपनियों के बीच 8.5 अरब डॉलर के मीडिया संपत्ति विलय से जुड़े लगभग 100 प्रश्न पूछे हैं, जिसमें खेल अधिकारों से जुड़े ब्योरे भी शामिल हैं। दो सूत्रों ने बताया कि सीसीआई इस सौदे की जांच पर काम कर रहा है।
फरवरी में रिलायंस और डिज़्नी के बीच करार की घोषणा हुई थी और प्रतिस्पर्धा नियामक से जुड़े विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि इस सौदे की जांच में तेजी आ सकती है क्योंकि इस सौदे से 120 टीवी चैनलों और दो स्ट्रीमिंग सेवाओं के साथ भारत में मनोरंजन क्षेत्र का प्रमुख खिलाड़ी तैयार होगा। दोनों कंपनियों के पास क्रिकेट के लिए भी आकर्षक अधिकार होगा जो भारत का सबसे लोकप्रिय खेल है।
मई में समाचार एजेंसी ने खबर दी थी कि भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) को अपने गोपनीय संदेश में इन कंपनियों ने कहा कि उनके विलय से प्रतिस्पर्धा के मोर्चे पर कोई नुकसान नहीं होगा और इन्होंने तर्क दिया कि क्रिकेट से जुड़े अधिकार 2027 और 2028 में खत्म हो जाएंगे। इन कंपनियों का कहना था कि इसके बाद दूसरे प्रतिद्वंद्वियों को भी बोली लगाने की अनुमति मिलेगी और विज्ञापनदाता क्रिकेट देखने वाले उपभोक्ताओं को यूट्यूब सहित कई प्रतिस्पर्द्धी मंचों पर लक्षित कर सकते हैं।
इस मामले से वाकिफ दो सूत्रों ने कहा कि सीसीआई ने अब अधिक विवरण मांगे हैं, जिसमें इस तरह के सवाल भी शामिल हैं कि यूट्यूब जैसे माध्यम को जिसमें ज्यादातर मुफ्त, उपयोगकर्ताओं द्वारा तैयार सामग्री होती है उसे नेटफ्लिक्स और डिज़्नी जैसी सबस्क्रिप्शन आधारित स्ट्रीमिंग सेवाओं के समान बाजार में क्यों देखा जाना चाहिए।
सूत्रों ने नाम न बताने की शर्त पर और जानकारी को गोपनीय बताते हुए कहा कि रिलायंस और डिज़्नी ने सीसीआई के सवालों का जवाब दिया है और तर्क दिया है कि यूट्यूब के पास भी अपना लाइसेंस और भुगतान वाली सामग्री के साथ-साथ व्यापक पहुंच है।
मीडिया पार्टनर्स एशिया के पिछले वर्ष के डेटा दर्शाते हैं कि भारत के ऑनलाइन वीडियो बाजार में यूट्यूब का योगदान 88 फीसदी तक है जबकि 12 प्रतिशत के प्रीमियम वीडियो बाजार पर स्ट्रीमिंग सेवाओं का दबदबा है जो लंबी प्रीमियम सामग्री मुहैया कराती हैं।
रिलायंस-डिज़्नी के पास शीर्ष क्रिकेट टूर्नामेंट के साथ-साथ विंबलडन टेनिस चैंपियनशिप के लिए अरबों डॉलर का डिजिटल और टीवी क्रिकेट अधिकार होगा जिसके चलते भी प्रतिस्पर्द्धा आयोग की चिंताएं बढ़ी हैं।
सीसीआई ने कंपनियों से अधिक ब्योरा मांगते हुए पूछा है कि किस कंपनी के पास किस खेल के अधिकार होंगे और यह कितनी लंबी अवधि के लिए होंगे। साथ ही यह जानकारी भी मांगी गई है कि इनके लिए पहले किसने बोली लगाई थी। एक सूत्र ने कहा, ‘सीसीआई अब तक अधिकारों को लेकर कोई चिंता नहीं जता रहा है बल्कि यह सूचना जुटा रहा है।’
पहले सूत्र ने कहा कि बड़े सौदे के कारण, ज्यादा सूचनाएं पाने के लिए आग्रह किया जा रहा है। हालांकि दूसरे सूत्र ने कहा कि सीसीआई असामान्य तरीके से बड़ी संख्या में सवाल पूछ रहा है।
अरबपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस और सीसीआई से रॉयटर्स ने इस मुद्दे पर टिप्पणी का आग्रह किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। डिज़्नी ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। सीसीआई अभी भी विलय की समीक्षा कर रहा है।