जून के अंत में डेकाकॉर्न का दर्जा (10 अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाले स्टार्टअप) हासिल करने के बाद घरेलू एडटेक फर्म बैजूस अब अगले पड़ाव 1 अरब डॉलर राजस्व के अगले पड़ाव की ओर रुख कर चुकी है। हालांकि कंपनी वित्त वर्ष 2021 में उस लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकती लेकिन बैजूस निश्चित तौर पर उस ओर कदम बढ़ा रही है।
बैजूस के संस्थापक एवं सीईओ बैजूस रवींद्रन जुलाई में अपने राजस्व के आधार पर 6,000 करोड़ रुपये (80.2 करोड़ डॉलर) का पड़ाव पहले ही पार चुके हैं। इसमें वह राजस्व शामिल नहीं है जो बैजूस के हाल के अधिग्रहण के जरिये आने की उम्मी है।
रवींद्रन ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमने पिछले महीने भारत में अपने मुख्य व्यवसाय से 500 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया। इसमें अधिग्रहण से होने वाली आय शामिल नहीं है। इसका मतलब साफ है कि हम कम से कम दोगुना राजस्व लक्ष्य तक जरूर पहुंचेंगे।’ वित्त वर्ष 2020 के लिए कंपनी ने 2,800 करोड़ रुपये (37 करोड़ डॉलर) का राजस्व दर्ज किया जो इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 100 फीसदी अधिक है। हालांकि कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण पैदा हुई परिस्थिति ने निश्चित तौर पर अधिक से अधिक छात्रों को ऑनलाइन लर्निंग को अपनाने के लिए प्रेरित किया है। रवींद्रन ने कहा कि कंपनी इस साल कहीं अधिक रफ्तार के साथ वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद कर रही है क्योंकि कंपनी ने कई उत्पाद और पेशकश को शामिल किया है। उन्होंने कहा, ‘कोविड संकट से पहले हमारे पास करीब 4 करोड़ मुफ्त उपयोगकर्ता थे जिन्हें चार वर्षों के दौरान हासिल किया गया था। लेकिन महज पिछले चार महीनों के दौरान हमें 2 करोड़ से अधिक मुफ्त उपयोगकर्ता मिले। इससे पता चलता है कि अधिक से अधिक छात्र ऑनलाइन लर्निंग की ओर रुख कर रहे हैं।’ हालांकि रवींद्रन ने कहा कि कंपनी के मुनाफे में भी उसी रफ्तार से वृद्धि नहीं हो रही है क्योंकि उसे अपनी विस्तार योजनाओं के लिए निवेश करने की जरूरत है। इसके तहत नए उत्पादों को लॉन्च करने के अलावा नए बाजारों में पहुंचने की भी योजना है। बैजूस ने वित्त वर्ष 2020 के लिए अपने मुनाफे का खुलासा नहीं किया है लेकिन 31 मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में उसने 20.16 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था।
रवींद्रन ने कहा, ‘इस साल (वित्त वर्ष 2020) हमने पिछले साल के मुकाबले थोड़ा अधिक लाभ कमाया है।’
