अमेरिका के डेलावेयर में एडटेक स्टार्टअप बैजूस के संस्थापक बैजू रवींद्रन, उनकी पत्नी और सह-संस्थापक दिव्या गोकुलनाथ और उनकी करीबी कारोबारी सहायक अनिता किशोर पर 53.3 करोड़ डॉलर की राशि के कथित गबन का मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह मुकदमा डेलावेयर में बैजूस की विशेष उद्देश्यीय कंपनी (एसपीवी) के ऋणदाताओं ने दर्ज कराया है।
बैजूज की अल्फा इंक की स्थापना 1.5 अरब डॉलर का ऋण लेने के लिए की गई थी। मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि तीनों ने मिलकर 53.3 करोड़ डॉलर के ऋण राशि (अल्फा फंड्स) को छिपाने और चुराने के लिए एक गैरकानूनी योजना को अंजाम दिया। बैजूस की अल्फा मुकदमे में देनदार और वादी है।
हालांकि, बैजू रवींद्रन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा है कि उन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद और निराधार हैं। मुकदमा डेलावेयर की अमेरिकी दिवालिया अदालत द्वारा बैजू रवींद्रन के छोटे भाई ऋजु रवींद्रन के खिलाफ 53.3 करोड़ डॉलर के फैसले के बाद किया गया है।
बैजूस अल्फा के टर्म लोन के ऋणदाताओं ने मुकदमे में कहा है, ‘डेलावेयर दिवालिया न्यायालय ने बैजू रवींद्रन के भाई (ऋजु) और उनकी कंपनियों के खिलाफ फैसला दिया था। यह कार्रवाई बैजूस अल्फा के मुख्य कार्य अधिकारी रवींद्रन, कंपनी की सह-संस्थापक और उनकी कारोबारी सहयोगियों पर कथित तौर पर आधे अरब डॉलर से अधिक की हेराफेरी के मामले में जिम्मेदार ठहराने को लेकर की गई है।’
ऋणदाताओं ने कहा, ‘अब यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि बैजू, दिव्या और अनीता ने जानबूझकर बैजूस अल्फा की संपत्ति को छिपाया और ऋणदाताओं को सही तरीके से देय धन को लेकर बार-बार भ्रामक जानकारी दी। अदालत के हालिया फैसले के मद्देनजर कोई संदेह नहीं रह गया है कि उन्होंने गैरकानूनी तरीके से काम किया और अपनी गलतियों को छिपाने की कोशिश की।’