जिम्मेदारी संभालने के ठीक छह महीने बाद भारत में बैजूस के मुख्य कार्याधिकारी अर्जुन मोहन ने कंपनी को अलविदा कह दिया है। संकट से घिरी बैजूस अब तीन खंडों में अपने व्यवसाय को पुनर्गठित कर रही है। कंपनी के संस्थापक बैजू रवींद्रन फर्म के रोजमर्रा के परिचालन की कमान संभालेंगे।
नकदी किल्लत से जूझ रही फर्म ने सोमवार को कहा कि बैजूस अपने व्यवसायों को तीन डिवीजन में एकीकृत कर रही है। ये हैं ऑनलाइन लर्निंग ऐप बिजनेस, ऑनलाइन क्लासेज और ट्यूशन सेंटर और टेस्ट प्रिपरेशन। प्रत्येक खंड का अलग मुखिया होगा।
कंपनी ने कहा है, ‘ये बदलाव सात महीने की परिचालन समीक्षा और बैजूस इंडिया के निवर्तमान सीईओ अर्जुन मोहन के नेतृत्व में लागत अनुकूलन प्रयासों के बाद किए गए हैं। मोहन अब बदलाव के इस चरण के दौरान कंपनी और उसके संस्थापकों को अपनी गहन एडटेक विशेषज्ञता देते हुए बाहरी सलाहकार की भूमिका निभाएंगे।’ कंपनी ने मोहन के इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया है।
प्रस्तावित व्यावसायिक समेकन की जानकारी देते हुए रवींद्रन ने कहा, ‘यह पुनर्गठन बैजूस 3.0 की शुरुआत का प्रतीक है।’ उन्होंने कहा, ‘तीन विशेष कारोबारी इकाइयों के साथ अपनी मुख्य ताकत पर ध्यान केंद्रित करते हुए हम नए विकास अवसरों का लाभ उठाएंगे। साथ ही मुनाफे पर अपना ध्यान बनाए रखेंगे।’
बैजूस ने पिछले साल सितंबर में मृणाल मोहित को हटाकर अर्जुन मोहन को अपने भारतीय व्यवसाय का मुख्य कार्याधिकारी बनाया था। मोहन इससे पहले प्रतिस्पर्धी एडटेक फर्म अपग्रेड में काम कर रहे थे। रवींद्रन ने सोमवार को कहा, ‘मोहन ने चुनौतीपूर्ण अवधि में बैजूस का शानदार तरीके से प्रबंधन किया। हम उनकी नेतृत्व क्षमता के आभारी हैं और एक महत्वपूर्ण सलाहकार के तौर पर उनका योगदान बरकरार रहने की उम्मीद करते हैं।’
एडटेक कंपनी ने पुनर्गठन पहल के तौर पर हाल में करीब 500 कर्मचारियों की छंटनी की है। छंटनी का नया राउंड 4500 कर्मियों को निकालने के लिए कंपनी द्वारा पिछले साल शुरू की गई कोशिश का हिस्सा था। यह योजना अर्जुन मोहन ने तैयार की थी।
पिछले साल अक्टूबर से नवंबर के बीच करीब 3,000 लोगों को निकाला गया था। बैजूस ने पूरे भारत में अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को बंद कर दिया है और बेंगलूरु में आईबीसी नॉलेज पार्क का मुख्यालय अपने पास रखा है। वर्ष 2022 में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या बढ़कर करीब 50,000 पर पहुंच गई थी।