एजीआर चुकाने में विफल रहीं भारती, वोडा-आइडिया

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 6:26 AM IST

भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया, दोनों ने ही दूरसंचार विभाग (डीओटी) के लिए बकाया समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की किस्त नहीं चुकाई है। इस भुगतान के लिए तय सीमा-सीमा बुधवार को समाप्त हो गई।
नकदी दबाव से जूझ रहींदूरसंचार ऑपरेटरों को कुछ राहत देते हुए सितंबर में सर्वोच्च न्यायालय ने कंपनियों को अपना बकाया 10 साल में चुकाने और कुल बकाया का 10 प्रतिशत अग्रिम भुगतान शुरू करने की अनुमति दी थी। 10 साल में भुगतान की समय-सीमा 1 अप्रैल, 2021 से शुरू हो रही है और पहली किस्त 31 मार्च 2032 से पहले चुकाए जाने की जरूरत थी। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि भुगतान में किसी तरह की चूक की वजह से ब्याज, जुर्माना और अदालत की अवमानना की स्थिति को बढ़ावा मिलेगा।
दूरसंचार विभाग की गणना के अनुसार, भारती एयरटेल पर 43,780 करोड़ रुपये का बकाया था, जिसमें से कंपनी ने 18,004 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। वोडाफोन आइडिया ने अपने 50,399 करोड़ रुपये के बकाया में से 7,854 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। टाटा टेलीसर्विसेज ने करीब 4,197 करोड़ रुपये चुकाए हैं और उस पर करीब 12,601 करोड़ रुपये का बकाया है।
उद्योग के जानकारों ने संकेत दिया है कि दूरसंचार विभाग के लिए भुगतान की फिलहाल संभावना नहीं दिख रही है, क्योंकि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में है। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि स्पेक्ट्रम की बिक्री का निर्णय आईबीसी प्रक्रिया के तहत राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) द्वारा लिया जाना चाहिए। 19 अगस्त को, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि दूरसंचार कंपनियों को सिर्फ स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल का अधिकार होगा और यह ऐसी संपत्ति नहीं है जो उनसे जुड़ी हुई हो, कंपनियां इसकी मालिक नहीं हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने 14 अगस्त को दूरसंचार ऑपरेटरों से इस्तेमाल  होने वाले स्पेक्ट्रम का विवरण मांगा था जिससे कि उसे एयरसेल तथा आरकॉम जैसी कंपनियों को आवंटित किया जा सके।

First Published : April 1, 2021 | 12:08 AM IST