बेरिंग प्राइवेट इक्विटी पार्टनर्स ने आईटी फर्म एम्फैसिस में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 12.53 फीसदी कर ली है।
मालूम हो कि पिछले हफ्ते पीई संस्थाओं ने कंपनी में 3.6 फीसदी हिस्सेदारी मेरिल लिंच से खरीद ली थी। उस समय एम्फैसिस के 76 लाख शेयरों को खरीदने के लिए इन पीई फर्मों को 129 करोड़ रुपये देने पड़े थे।
2006 में जब ईडीएस ने एम्फैसिस पर मालिकाना हक हासिल करने के लिए ओपन ऑफर की पेशकश की थी, तब बेरिंग ने कंपनी में अपनी समूची 34.73 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी थी। हालांकि 31 दिसंबर 2008 तक इसके पास इसकी दो सहयोगी कंपनियों बेरिंग इंडिया इंवेस्टमेंट्स और बेरिंग इंडिया प्राइवेट इक्विटी इंवेस्टमेंट्स के जरिए कंपनी में 8.6 फीसदी की हिस्सेदारी थी।
बेरिंग के मुताबिक, एम्फैसिस भारत में सबसे ज्यादा लाभ कमाने वाली और सस्ती कंपनियों में से एक है। गौरतलब है कि अब एम्फैसिस का मालिकाना हक एचपी के पास है। इस सौदे के बाद मेरिल लिंच कैपिटल मार्केट्स की एम्फैसिस में नगण्य हिस्सेदारी रह गई है।
फिलहाल एबर्डीन एसेट मैनेजर्स और एचएसबीसी च्लोबल फंड दोनों के कंपनी में क्रमश: 3.13 और 2.71 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी के संस्थापक जयतीर्थ राव की कंपनी में 1.39 फीसदी हिस्सेदारी बनी हुई है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल और लॉयड जॉर्ज इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट के पास क्रमश 1.33 और 1.05 फीसदी शेयर हैं। एचपी ने ईडीएस से कंपनी के 60.83 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है।
