सार्वजनिक क्षेत्र की ऋणदाता आईसीआईसीआई बैंक ने गुरुवार को कहा कि वह 51 अरब रुपये के शेयर अदला-बदली सौदे के तहत अपनी ब्रोकिंग इकाई आईसीआईसी सिक्योरिटीज की सूचीबद्धता खत्म करेगा। यह सौदा अलग से सूचीबद्ध कंपनी के रूप में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के पांच वर्षों के कार्यकाल को खत्म कर दो। पिछले सप्ताह तक इसके शेयर आईपीओ के मूल्य से ऊपर उठकर 520 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे।
नियामकीय खुलासे में कहा गया है कि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के प्रत्येक 100 शेयरों के बदले आईसीआईसीआई बैंक के 67 शेयर देकर बैंक आम शेयरधारकों से इसकी 25.15 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगा। सौदे में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शेयर रद्द कर दिए जाएंगे और आईसीआईसीआई बैंक पूरी तरह से ब्रोकरेज मालिक बन जाएगा।
शेयरों का अदला बदली का अनुपात का मतलब 628 रुपये की कीमत से है, जो आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के बुधवार के बंद भाव 613.9 रुपये से 2.3 फीसदी अधिक है। कंपनी द्वारा सूचीबद्धता खत्म करने पर विचार करने के लिए गुरुवार की बोर्ड की बैठक के बारे में स्टॉक एक्सचेंजों को जानकारी देने के बाद पिछले तीन दिनों में ब्रोकरेज के शेयरों में करीब 9 फीसदी की वृद्धि हुई।
बैठक की घोषणा होने तक, अप्रैल 2018 में निराशाजनक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम की पेशकश के बाद मुंबई की ब्रोकरेज के शेयरों में महज 8 फीसदी की वृद्धि हुई थी। हालांकि, साल 2021 में इसके एक शेयर की कीमत 896.05 रुपये पर पहुंच गई थी, उसके बाद से इसमें तेजी से गिरावट जारी रही।
इसी अवधि के दौरान आईसीआईसीआई बैंक के शेयर 241 फीसदी तक चढ़ गए। यहां तक की निफ्टी वित्तीय सेवा सूचकांक में भी 90 फीसदी की छलांग लगाई। ऋणदाता ने कहा कि सौदे के परिणामस्वरूप आईसीआईसीआई बैंक की पूंजी पर्याप्तता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।