सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज में 51 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की औपचारिक प्रकिया शुरू हो गई है।
पूरी प्रक्रिया उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश या पूर्व न्यायाधीश की निगरानी में ही पूरी होगी। न्यायाधीश की नियुक्ति का फैसला कंपनी के बोर्ड को करना है।
बिक्री शुरू करने की कवायद के फैसले का असर कंपनी के शेयरों पर भी हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज में सोमवार के कारोबार में कंपनी के शेयरों में 16 फीसदी तक का उछाल आया और यह 48.75 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।
बिक्री की प्रकिया तीन स्तरों पर पूरी होगी। पहले तो सत्यम को खरीदने में दिलचस्पी दिखाने वाली कंपनियों को 12 मार्च 2009 को पांच बजे तक प्रस्तावक के तौर पर पंजीकृत होना होगा।
इसके बाद 20 मार्च को पांच बजे तक इन कंपनियों को एक विस्तृत अभिरुचि पत्र (ईओआई) दाखिल कराना होगा, जिसमें प्रस्ताव रखने वाली कंपनी की कम से कम 1,500 करोड़ रुपये की हैसियत का प्रमाण भी देना होगा। कंपनी द्वारा इन अभिरुचि पत्रों में से छंटनी की जाएगी।
इस पूरी प्रक्रिया के बाद छांटी गई कंपनियों से वित्तीय निविदा के अलावा शेयर खरीद अनुबंध की कॉपी जमा कराई जाएगी। इसके बाद उस कंपनी का नाम तय किया जाएगा, जिसकी झोली में सत्यम जाएगी। सत्यम को हासिल करने वाली कंपनी को निर्धारित रकम जमा कराने के लिए चार दिनों की मोहलत मिलेगी। इस पूरी प्रक्रिया में डेढ़ महीने का वक्त लग सकता है।
सत्यम को हासिल करने में अब भी कई पेंच फंसे हुए हैं। पहले तो कंपनी का बोर्ड तय करेगा इस कंपनी की कमान किसको सौंपी जाए। इसके बाद उस कंपनी के नाम को कंपनी कानून बोर्ड (सीएलबी) और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मुहर की दरकार होगी।
वैसे, सत्यम की 31 फीसदी हिस्सेदारी ही तरजीही शेयरों के आधार पर बेची जाएगी और बाकी बची हुई 20 फीसदी हिस्सेदारी को खुली पेशकश के जरिये खरीदना होगा। खुली पेशकश में भी सत्यम में हिस्सेदारी खरीदने वाली कंपनी को शुरुआत में प्रति शेयर के हिसाब से ही खर्च की गई रकम हर खर्च करनी होगी।
इसके बाद भी अगर वह कंपनी खुले बाजार के जरिये सत्यम की बची हुई 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने में कामयाब नहीं हो पाती तो उसके पास अतिरिक्त जारी किए गए नये इक्विटी शेयरों को भी खरीद सकती है। लेकिन, इस प्रक्रिया को खुली पेशकश आने के 15 दिनों में ही पूरा करना होगा।
बेची जाएगी 51 फीसदी हिस्सेदारी
20 मार्च तक सौंपना होगा अभिरुचि पत्र
डेढ़ महीना लग सकता है इस पूरी कवायद में
कम से कम 1,500 करोड़ रुपये की हैसियत जरूरी
हम बोली लगाने जा रहे हैं। यह अच्छा है कि ऑनलाइन बोली लगाई जाएगी, जिससे ज्यादा लोग इसमें शामिल होंगे। प्रक्रिया काफी पारदर्शी बनाई गई है। – बी के मोदी, चेयरमैन, स्पाइस समूह
एलऐंडटी ने कहा कि वह इसमें शामिल होगी, मगर सत्यम की संपत्ति और देनदारियां जांचने के बाद ही बोली लगाएगी – ए एम नाइक, सीएमडी, एलऐंडटी
फिलहाल हम स्थिति पर बारीक नजर रख रहे हैं। बोली की प्रक्रिया काफी पारदर्शी है। बोली लगाने के अंतिम दौर में मुकाबला काफी कड़ा हो सकता है। -प्रवाल बनर्जी, सीएफओ, हिंदुजा समूह
