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विस्तार से एस्टर डीएम हेल्थ को ताकत

वित्त वर्ष 2023 में, जहां समेकित व्यवसाय ने 16 प्रतिशत बिक्री वृद्धि दर्ज की, वहीं भारतीय व्यवसाय में 25 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ।

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राम प्रसाद साहू   
Last Updated- December 01, 2023 | 10:46 PM IST

कंपनी के खाड़ी व्यवसाय के लिए मजबूत मूल्यांकन से एस्टर डीएम हेल्थकेयर के शेयर में तेजी को बढ़ावा मिला है। कंपनी ने हाल में खाड़ी परिचालन में अपनी हिस्सेदारी 1.3 अरब डॉलर में बेचने की घोषणा की है, जो बाजार द्वारा जताए जा रहे अनुमान से अधिक है।

यह शेयर पिछले कई कारोबारी सत्रों के दौरान करीब 14 प्रतिशत चढ़ा है। भविष्य में भारतीय परिचालन का दायरा बढ़ाने और मार्जिन सुधारने की उसकी दक्षता इस शेयर में और तेजी लाने में मददगार साबित हो सकती हैं।

खाड़ी व्यवसाय (जिसमें पूरे खाड़ी सहयोग परिषद-जीसीसी क्षेत्रों अस्पतालों, क्लीनिकों और फार्मेसी की श्रृंखला शामिल है) का एस्टर डीएम हेल्थकेयर के समेकित राजस्व में तीन-चौथाई योगदान है।

बढ़ते प्रतिस्पर्धी परिवेश, कम वृद्धि और कमजोर मार्जिन की वजह से कंपनी कुछ समय से जीसीसी व्यवसाय में हिस्सेदारी बेचना चाहती थी। वित्त वर्ष 2023 में, जहां समेकित व्यवसाय ने 16 प्रतिशत बिक्री वृद्धि दर्ज की, वहीं भारतीय व्यवसाय में 25 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ।

कंपनी का मानना है कि वित्त वर्ष 2024 तक पूरा होने वाले सौदे से शेयरधारकों को फायदा होगा, पूंजी आवंटन सुधरेगा और भारतीय व्यवसाय की ऊंची वृद्धि की संभावनाओं का लाभ मिलेगा। फेयर कैपिटल द्वारा जीसीसी व्यवसाय खरीदा गया है। फेयर कैपिटल की इसमें 65 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी जबकि शेष भागीदारी एस्टर डीएम के प्रवर्तकों की होगी।

प्रवर्तक इस सौदे के बाद खाड़ी व्यवसाय में हिस्सेदारी बनाए रखेंगे और इसलिए वे संबंधित पक्ष हैं, इसे ध्यान में रखते हुए हिस्सेदारी के लिए ऊंचा मूल्यांकन (बाजार 1.1 अरब डॉलर की उम्मीद कर रहा था) आश्चर्यजनक था।

जहां सौदे की वैल्यू अनुमान से ऊपर थी, हालांकि जीसीसी व्यवसाय इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले कम पर कारोबार कर रहा है। 1.3 अरब डॉलर के उद्यम मूल्य पर, सौदे का मूल्यांकन कंपनी के वित्त वर्ष 2025 के परिचालन लाभ के 9.9 गुना पर है।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषक अलंकार गरुडे का कहना है, ‘हमारा मानना है कि एस्टर डीएम के जीसीसी प्रतिस्पर्धी अपनी वित्त वर्ष 2025 की उद्यम वैल्यू के 16-26 गुना पर कारोबार कर रहे हैं।’

भविष्य में मुख्य जोर भारतीय परिचालन पर रहेगा। कंपनी के भारतीय व्यवसाय का परिचालन मुनाफा वित्त वर्ष 2020-23 के दौरान सालाना 30 प्रतिशत की वृद्धि के साथ तेजी से बढ़ा है।

प्रभुदास लीलाधर रिसर्च ने अगले तीन साल के दौरान इसमें 23 प्रतिशत की सालाना वृद्धि का अनुमान जताया है, क्योंकि कंपनी को मार्जिन में सुधार, मजबूत प्रति परिचालन बिस्तर औसत राजस्व (एआरपीओबी) तथा क्षमता वृद्धि से मदद मिलेगी।

ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 के लिए अपना परिचालन मुनाफा अनुमान भी 1-3 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। बाजार की नजर पूंजी आवंटन रणनीति पर लगी रहेगी, क्योंकि यह उसके विस्तार के वित्त पोषण के लिए जरूरी होगा।

जहां कंपनी की बिस्तरों की मौजूदा संख्या 4,855 है, वहीं वित्त वर्ष 2025 तक उसने 1,479 नए विस्तर जोड़ने की योजना बनाई है जिससे कुल संख्या बढ़कर 6,334 हो जाएगी। यह बिस्तर पट्टे, स्वयं के और परिचालन एवं प्रबंधन समझौतों के मिश्रण से जुड़े होंगे। कंपनी ने आंतरिक स्रोतों के जरिये विस्तार पर 850 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है।

First Published : December 1, 2023 | 10:46 PM IST