रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर में 400 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा के एक दिन बाद अनिल अंबानी परिवार टेंडर ऑफर से शेयरों के अधिग्रहण (क्रीपिंग एक्विजिशन) के जरिये आर-इन्फ्रा में 500 करोड़ रुपये और निवेश कर सकता है।
क्रीपिंग एक्विजिशन का मतलब कंपनी के निवेशकों (सामान्य तौर पर प्रवर्तक या खासी हिस्सेदारी वाले शेयरधारक) की तरफ से कई छोटे-छोटे लेनदेन के जरिए शेयरों की खरीद से है ताकि कंपनी में उसकी हिस्सेदारी बढ़े और वह भी बिना किसी डिस्क्लोजर की अनिवार्यता या निवेशकों के अन्य कदम के बिना।
बाजार नियामक सेबी के दिशानिर्देश के मुताबिक, जब प्रवर्तक की हिस्सेदारी 25 फीसदी की सीमा के पार निकलती है तो टेंडर ऑफर अनिवार्य होता है।
रविवार को घोषित तरजीही शेयरों से अनिल अंबानी परिवार की हिस्सेदारी मौजूदा 5 फीसदी से बढ़कर 22 फीसदी हो जाएगी, जो 25 फीसदी से थोड़ा ही कम है। बैकिंग सूत्रों के मुताबिक, टेंडर ऑफर 62 रुपये के भाव पर ही होगा। प्रवर्तकों व वर्डे पार्टनर्स के लिए भी यही तरजीही पेशकश कीमत है। सेबी के दिशानिर्देश के मुताबिक यह ऑफर कंपनी की अन्य 25 फीसदी हिस्सेदारी के लिए लाया जाएगा।
सूत्रों ने कहा, अंबानी परिवार इस टेंडर ऑफर के लिए वर्डे पार्टनर्स के संग साझेदारी कर सकता है। संपर्क किए जाने पर कंपनी के प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी नहीं की। रविवार को आर-इन्फ्रा बोर्ड ने ऐलान किया था कि अनिल अंबानी परिवार और वर्डे आर-इन्फ्रा में 550 करोड़ रुपये निवेश करेंगे। इसमें वर्डे का योगदान 150 करोड़ रुपये और बाकी अनिल अंबानी परिवार का होगा। तरजीही आवंटन के बाद वर्डे की हिस्सेदारी आरइन्फ्रा में 7 फीसदी होगी। आरइन्फ्रा में अभी 8 लाख खुदरा शेयरधारक हैं, जो इस ओपन ऑफर में भागीदारी कर सकते हैं। सोमवार को आरइन्फ्रा का शेयर 5 फीसदी चढ़कर 73 रुपये पर बंद हुआ।