रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन और MD मुकेश अंबानी ने 48वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) के दौरान
रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और उपभोक्ता कारोबार के लिए नई योजनाओं का खुलासा करते हुए एबिटा को 2028 तक दोगुना से अधिक करने का वादा किया। इसके अलावा दूरसंचार एवं डिजिटल कारोबार जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड को सूचीबद्ध कराने के लिए समय-सीमा भी निर्धारित कर दी गई है।
अंबानी ने रिलायंस के शेयरधारकों की 48वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए आज कहा कि समूह अब तक के अपने सबसे बड़े बदलाव के दौर से गुजरेगा। उन्होंने कहा कि समूह एआई को केंद्र में रखते हुए एक डीपटेक दिग्गज के रूप में विकसित होगा। अपने ऑनलाइन संबोधन में अंबानी ने कहा, ‘मैंने 2022 में वादा किया था कि हम 2028 में अपने स्वर्णिम दशक के आखिर तक रिलायंस को दोगुना कर देंगे। उस समय हमारा एबिटा करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये था। मैं दोहराना चाहता हूं कि रिलायंस स्वर्णिम दशक के आखिर तक अपने एबिटा को दोगुना से भी अधिक कर लेगी।’
मगर निवेशक अधिक उत्साहित नहीं हैं क्योंकि वे इस बात से चिंतित हैं कि भारत अगर रूस से कच्चे तेल का आयात कम कर देगा तो रिफाइनिंग मार्जिन प्रभावित हो सकता है। आरआईएल का शेयर आज 2.2 फीसदी की गिरावट के साथ 1,357 रुपये पर बंद हुआ।
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अंबानी ने कहा कि दूरसंचार एवं डिजिटल कारोबार जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड को नियामकीय मंजूरी मिलने के बाद सूचीबद्ध कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जियो प्लेटफॉर्म्स के पास 50 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं और वित्त वर्ष 2025 में उसने 1.28 लाख करोड़ रुपये की आय अर्जित की। अंबानी ने कहा, ‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि इससे पता चलेगा कि जियो हमारे वैश्विक समकक्षों की ही तरह मूल्य सृजन करने में सक्षम है। यह सभी निवेशकों के लिए एक बेहद आकर्षक अवसर होगा।’
जियो का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) संभवत: भारत के अब तक के सबसे बड़े आईपीओ में शामिल होगा। विश्लेषकों का मानना है कि इसका मूल्यांकन 100 अरब डॉलर से अधिक होगा जो इसे टेनसेंट होल्डिंग्स लिमिटेड और अल्फाबेट इंक जैसी प्रतिस्पर्धियों के बराबर खड़ा करेगा। यह आईपीओ कोविड के दौरान निवेश करने वाले कई वैश्विक निजी इक्विटी निवेशकों और सॉवरिन फंडों को बाहर निकलने का मौका देगा।
अंबानी ने एआई को बढ़ावा देने के लिए एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिलायंस इंटेलिजेंस का अनावरण किया। इसका काम अक्षय ऊर्जा से संचालित गीगावॉट स्तर के एआई के लिए तैयार डेटा सेंटर स्थापित करना, उपभोक्ताओं एवं एंटरप्राइज के लिए सॉवरिन एआई सेवाएं विकसित करना और अगली पीढ़ी के एआई शोधकर्ता तैयार करना है।
अंबानी ने कहा कि रिलायंस इंटेलिजेंस के चार मिशन होंगे- जामनगर में अक्षय ऊर्जा से संचालित गीगावॉट स्तर एआई-रेडी डेटा सेंटर का निर्माण करना, इंडिया फर्स्ट अनुपालन के तहत दिग्ग्ज प्रौद्योगिकी कंपनियों एवं ओपन-सोर्स समुदायों के साथ वैश्विक साझेदारी को मजबूत करना, उपभोक्ताओं, छोटे उद्यमों एवं शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा व कृषि जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए सस्ती एआई सेवाएं और शीर्ष प्रतिभाओं को नियुक्त करते हुए अनुसंधान को व्यापक तौर पर ऐप्लिकेशन में बदलना।
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अंबानी ने अपने नए लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रमुख वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ साझेदारी की भी घोषणा की। गूगल के मुख्य कार्याधिकारी सुंदर पिचाई ने कहा कि आरआईएल के साथ साझेदारी रिलायंस की कार्यान्वयन क्षमता को गूगल की क्लाउड एवं एआई क्षमताओं के साथ जोड़कर एक बड़ी छलांग लगाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा, ‘भारत में एआई के लिए जबरदस्त अवसर मौजूद है। यह बड़े से बड़े उद्यम से लेकर छोटे से छोटे किराना स्टोर तक, हर उद्योग और संगठन को बदल देगा।’ मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक भी भारत केंद्रित एआई संयुक्त उद्यम बनाने के लिए रिलायंस के साथ साझेदारी कर रही है। मेटा के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने आरआईएल के शेयरधारकों को बताया, ‘रिलायंस की पहुंच और उसके व्यापक दायरे के साथ हम ओपन सोर्स एआई मॉडल को भारत के हर कोने तक पहुंचा सकते हैं।’ विश्लेषकों का मानना है कि यह उद्यम अमेरिकी और चीनी कंपनियों के वर्चस्व वाले एआई क्षेत्र में एक जवाब हो सकता है।
अंबानी ने यह भी घोषणा की कि रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (आरसीपीएल) प्रत्यक्ष तौर पर एक सहायक कंपनी बन जाएगी। इससे समूह के तेजी से बढ़ते एफएमसीजी एवं ब्रांडेड उत्पाद पोर्टफोलियो को मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस कारोबार से वित्त वर्ष 2025 में 11,500 करोड़ रुपये की आय हुई। अगले 5 वर्षों में इसे 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाते हुए भारत की सबसे बड़ी उपभोक्ता ब्रांड कंपनी बनने का लक्ष्य है। ये घोषणाएं ऐसे समय में की गई हैं जब रिलायंस ने वित्त वर्ष 2025 में 10.71 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड समेकित आय और 1.83 लाख करोड़ का एबिटा दर्ज किया है। मगर बाजार की नजर निकट भविष्य की चुनौतियों की ओर रही। रूस से रियायती दरों पर कच्चे तेल के आयात में अगर कमी की जाती है तो रिलायंस के जामनगर कॉम्प्लेक्स में सकल रिफाइनिंग मार्जिन के प्रभावित होने की आशंका है।