प्रमुख दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल के मुख्य कार्याधिकारी गोपाल विट्ठल ने बुधवार को 2022 में शुल्क दरों में एक और वृद्धि का संकेत दिया। उन्होंने बताया कि दूरसंचार क्षेत्र 5जी सेवाएं शुरू करने की तैयारियों और लागत संबंधी दबाव से जूझ रहा है।
विट्ठल ने कहा कि 2022 में कुछ समय बाद शुल्क दरों में वृद्धि की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसा 3-4 महीने बाद हो सकता है जो ग्राहकों की संख्या में वृद्धि एवं अन्य प्रतिस्पर्धी कारकों पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, ‘हम शुल्क दरों में बढ़ोतरी के लिए आगे कदम बढ़ाने से नहीं हिचकेंगे।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) बढ़कर 200 रुपये होना चाहिए जो फिलहाल 163 रुपये है।
एयरटेल ने पिछले नवंबर में अपने प्रीपेड प्लान के लिए शुल्क दरों में सबसे पहले बढ़ोतरी की थी। उसके बाद वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो ने शुल्क दरों में करीब 20 फीसदी का इजाफा किया था।
वोडाफोन आइडिया के सीईओ रविंदर टक्कर ने भी पिछले महीने 2022 में शुल्क दरों में संभावित वृद्धि की बात कही थी।
हालांकि दरों में बढ़ोतरी किए जाने से दूरसंचार कंपनियों के एआरपीयू में क्रमिक आधार पर वृद्धि हुई है लेकिन इससे उसे ग्राहकों का नुकसान भी हुआ है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान एयरटेल को करीब 6 लाख ग्राहक खोने पड़े हैं।
विट्ठल का मानना है कि फरवरी और मार्च के दौरान सिम में सुदृढीकरण दिखेगा और अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान उसमें वृद्धि दिखेगी। उन्होंने कहा कि शुल्क दरों में वृद्धि के कारण ग्राहकों ने अपने सिम में काफी अदला-बदली की है लेकिन उसमें 2019 की तरह तेजी नहीं दिखी।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) 5जी सेवाओं के लिए सेवा प्रदाताओं के साथ बातचीत कर रहा है। इसके लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी मई से जून के दौरान होने की उम्मीद है। वि_ल ने कहा कि उद्योग 5जी स्पेक्ट्रम के लिए आरक्षित मूल्य में उल्लेखनीय कमी किए जाने और आसान भुगतान शर्तों की उम्मीद कर रहा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल देश में महज 3 से 4 फीसदी स्मार्टफोन ही 5जी सेवाओं के लिए समर्थ हैं जो मार्च तक 10 से 12 फीसदी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता के लिहाज से व्यापक उपयोगिता 2023-24 तक दिखेगी।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में एयरटेल का शुद्ध लाभ 2.8 फीसदी घट गया जिसे कर मद में अधिक खर्च से झटका लगा। तिमाही के दौरान कंपनी ने 830 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया। इस दौरान कंपनी ने 8,803 करोड़ रुपये का नकदी प्रवाह सृजित किया जो इससे पिछली तिमाही में 7,046 करोड़ रुपये रहा था। भारती समूह के निदेशक (रणनीति एवं कारोबार विकास) हरजीत कोहली ने कहा कि कंपनी अपने मुक्त नकदी प्रवाह का उपयोग ऋण बोझ घटाने में करेगी।