भारती एयरटेल ने आज कहा कि उसने प्रतिस्पर्धी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो के साथ अपने स्पेक्ट्रम खरीद-फरोख्त सौदे को 1,004.8 करोड़ रुपये में पूरा कर लिया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि जियो स्पेक्ट्रम सं संबंधित 469.3 करोड़ रुपये की भविष्य की देनदारियों को भी मान लेगी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारती एयरटेल ने तीन सर्किल में एयरटेल के 800 मेगाहट्ïर्ज बैंड स्पेक्ट्रम के उपयोग का अधिकार जियो को हस्तांतरित करने के लिए रिलायंस जियो इन्फोकॉम के साथ सौदा पूरा कर लिया है।
स्पेक्ट्रम के प्रस्तावित हस्तांतरण के लिए एयरटेल को जियो से 1,004.8 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा जियो उस स्पेक्ट्रम से संबंधित भविष्य की 469.3 करोड़ रुपये की देनदारियों को भी निपटाएगी। अप्रैल में रिलायंस जियो ने कुल 1,497 करोड़ रुपये के मूल्य पर आंध्र प्रदेश, दिल्ली और मुंबई सर्किल में 800 मेगाहट्ïर्ज बैंड में स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए भारती एयरटेल के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह दोनों प्रतिस्पर्धियों के बीच अपने प्रकार का पहला सौदा है। रिलायंस जियो के पास अब इन तीनों सर्किल में क्रमश: 0 मेगाहट्र्ज, 10 मेगाहट्र्ज और 15 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम उपलब्ध होगा।
विश्लेषकों ने इस सौदे को दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद करार दिया था। जियो के लिए विश्लेषकों ने कहा कि शेष 14 वर्ष की वैधता अवधि के साथ निहित लागत प्रति मेगाहट्ïर्ज प्रति वर्ष 14 करोड़ रुपये होगी जो नीलामी मूल्य का महज 50 फीसदी है। इससे जियो को करीब 50 करोड़ डॉलर की बचत होगी। जहां तक भारती एयरटेल का सवाल है तो यह सौदा उसके लिए भी काफी फायदेमंद है क्योंकि उसने टाटा से मामूली रकम यह स्पेक्ट्रम खरीदा था और इसके काफी हिस्से का उपयोग नहीं हो रहा था। इस सौदे के जरिये कंपनी बेकार पड़े स्पेक्ट्रम को भुनाने में सफल रही।