टाटा समूह द्वारा नियंत्रित एयरएशिया ने भविष्य की कारोबारी योजना आगे बढ़ाने के लिए पहल तेज कर दी है। इसी के तहत कंपनी ने 10 नए विमान पट्टे पर लेने की योजना तैयार की है। इसके अलावा एयरएशिया इंडिया अगले वर्ष जून तक 3 एयरबस नियो ए320 विमान भी अपने बेड़े में शामिल करने की योजना बना रही है।
टाटा संस का मानना है कि सस्ती विमान सेवाओं पर दांव बढ़ाने का अब समय आ गया है और यही बात कंपनी की कारोबारी योजनाओं में भी दिख रही है। एयरएशिया के पास इस समय 33 विमान हैं जिनमें 5 मलेशियाई साझेदार एयरएशिया बरहाद के विमान हैं जिन्हें जल्द लौटा दिए जाएंगे।
इस पूरे मामले की जानकारी रखने वलो एक सूत्र ने कहा कि कारोबार को बढ़ाने के लिए पुख्ता योजनाएं तैयार कर ली गई हैं। ए320 विमान के लिए पट्टेदारों से बातचीत चल रही है। विमानों के पट्टे पर देने की दर इस समय सस्ती हो गई है और इसलिए बेड़े में नए विमानों को शामिल करने का यह सही समय है। नए ए320 विमानों से विमान कंपनी को ईंधन लागत एवं रखरखाव खर्च कम करने में मदद मिलेगी। हाल में टाटा समूह ने एयरएशिया इंडिया का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है और अपनी हिस्सेदारी 51 फीसदी से बढ़ाकर 84 फीसदी की है। शेष बची 16.33 फीसदी हिस्सेदारी के लिए भी समूह के पास बोली लगाने का अधिकार है। सूत्रों का कहना है कि अगर टाटा समूह अपने इस अधिकार का इस्तेमाल करेगी जिसके बाद 2021 के मध्य तक एयरएशिया समूह के निकनले का रास्ता साफ हो जाएगा। एयरएशिया इंडिया के अलावा टाटा समूह की विस्तारा में भी 71 फीसदी हिस्सेदारी है और अब वह सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया मे भी 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदना चाह रही है।
सूत्रों का कहना है कि टाटा संस अपना विमानन कारोबार सरल और मजबूत बनाना चाहती है। वहीं, कंपनी प्रबंधन का मानना है कि किफायती विमानन सेवा कारोबार में अपनी मौजूदगी बढ़ाने का समय अब आ गया है। एक सूत्र ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि सस्ती विमानन सेवा भारत ही नहीं बल्कि पूरे एशियाई बाजार में भी अपना दबदबा बढ़ाने जा रही हैं। ऐसे में विमानन कारोबार की योजनाएं तैयार करते समय टाटा समूह इस बात की अनेदखी नहीं कर सकता है।